
‘तुम प्रोटोकॉल नहीं जानते?’ विधायक बोले‑ ‘जूता मारूंगा’, सचिव ने दिया तगड़ा जवाब। बिहार के राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मनेर के एक पंचायत सचिव से फोन पर बातचीत के दौरान गुस्से में धमकी देते सुनाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि विधायक ने एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर पंचायत सचिव से संपर्क किया था.सचिव विधायक की आवाज को मोबाइल पर नहीं पहचान पाया. इसी पर विधायक भड़क गए।
‘तुम प्रोटोकॉल नहीं जानते?’ विधायक बोले‑ ‘जूता मारूंगा’, सचिव ने दिया तगड़ा जवाब
वायरल ऑडियो में सुनाई दे रहा है कि विधायक लगातार पंचायत सचिव को अपनी पहचान बताकर गुस्सा जाहिर करते रहे. हालांकि, थोड़ी देर बाद पंचायत सचिव ने भी विधायक को जवाब दिया और जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत तक दे दी. इस ऑडियो की पुष्टि टीवी 9 भारतवर्ष नहीं करता है.
क्या है वायरल ऑडियो की बातचीत?
विधायक: हेलो, भाई वीरेंद्र बोल रहे हैं.
पंचायत सचिव: हां, बोलिए.
विधायक: कौन बोल रहा है रे?
पंचायत सचिव: आप किससे बात करना चाहते हैं?
विधायक: पंचायत सचिव से बात करना है.
पंचायत सचिव: हां, पंचायत सचिव बोल रहा हूं, बताइए.
विधायक: तुम भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानते? और ऊपर से बोलते हो “बोलिए”?
पंचायत सचिव: आप परिचय दीजिएगा, तब तो पहचानेंगे.
विधायक: भाई वीरेंद्र का भी परिचय देना पड़ेगा? मनेर का विधायक हूं मैं. तुमको नहीं मालूम?
पंचायत सचिव: जानकारी होती तो ऐसे थोड़े ही बात करता.
विधायक: क्या तुम इंग्लैंड से आए हो? मनेर के विधायक को नहीं पहचानते?
पंचायत सचिव: हां, विधायक जी बोलिए.
विधायक: “हां विधायक जी बोलिए?” जूता से मारूंगा खींच के. जो करना है करो. केस करो या कुछ और. तुम प्रोटोकॉल नहीं मानते. पूरा देश जानता है भाई वीरेंद्र को, और तुम पूछ रहे हो कौन?
पंचायत सचिव: ठीक है, बताइए काम क्या है? प्रणाम भी करना चाहिए था मुझे. बोलिए विधायक जी.
विधायक: रिंकी देवी के पति अविनाश कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना है. आवेदन बहुत पहले जा चुका है. सीधे काम करो, टेढ़ई मत दिखाओ.
पंचायत सचिव: आप प्रेम से बात करेंगे तो हम भी सम्मान से बात करेंगे. डराने-धमकाने से कुछ नहीं होगा.
विधायक: तुम इस तरह बात करोगे मुझसे?
पंचायत सचिव: आप जनप्रतिनिधि हैं, तो आपसे उम्मीद होती है कि प्रेमपूर्वक बात करें.
विधायक: तुम हमको कैसे नहीं पहचानते? विधायक का नाम नहीं जानते?
पंचायत सचिव: नहीं जानते थे कि यहां के विधायक कौन हैं.
विधायक: जब अपने क्षेत्र के विधायक को नहीं जानते, तो नौकरी करने का हक भी नहीं है.
पंचायत सचिव: आप लिखित दीजिए, मैं ट्रांसफर के लिए तैयार हूं.
विधायक: अब ट्रांसफर ही नहीं, और भी बहुत कुछ होगा. ट्रांसफर तो छोटी बात है.
पंचायत सचिव: इस तरह धमकी मत दीजिए. आपका काम प्रक्रिया में है. जब बनेगा, तो आपको सूचना मिल जाएगी.