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टेक्नोलॉजी की मदद से भारत 2047 तक बनेगा विकसित राष्ट्र, सायना महाविद्यालय में नेशनल सेमिनार

टेक्नोलॉजी की मदद से भारत 2047 तक बनेगा विकसित राष्ट्र, सायना महाविद्यालय में नेशनल सेमिनार

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कटनी। सायना इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज कटनी द्वारा आज नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम माँ सरस्वती व भगवान गणेश जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित की गई।

इसके पश्चात आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में सायना इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य डॉ. आदित्य कुमार शर्मा उपस्थित हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सी.राजेश कुमार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।

उद्बोधन की श्रृंखला में प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय की गतिविधियों व आज के मुख्य विषय पर संक्षिप्त उद्बोधन दिया गया। इसके पश्चात आज के मुख्य वक्ता डॉ. आदित्य कुमार शर्मा द्वारा टेक्नोलॉजी की मदद से 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा पर शानदार पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की। साथ ही उन्होंने बताया कि 2047 में विकसित भारत को विभिन्न पहलुओं में कैसा दिखना चाहिए?

विकसित भारत 2047 स्वतंत्रता के 100वें वर्ष, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने का दृष्टिकोण है। यह दृष्टिकोण 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विकास के विभिन्न पहलुओं, जैसे आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक प्रगति और सुशासन को शामिल करता है।

आर्थिक विकास: एक विकसित भारत में एक लचीली और मजबूत अर्थव्यवस्था होनी चाहिए जो अपने सभी नागरिकों के लिए अवसर और उच्च जीवन स्तर प्रदान कर सके। अर्थव्यवस्था को उद्यमिता, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता के आधार पर 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए।

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पर्यावरणीय स्थिरता: भारत की जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए एक विकसित भारत में स्वच्छ और हरित वातावरण होना चाहिए। पर्यावरण को पुनर्स्थापन, संरक्षण और लचीलेपन के आधार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सक्षम होना चाहिए।

सामाजिक प्रगति: एक विकसित भारत में एक समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज होना चाहिए जो अपने सभी नागरिकों की गरिमा और भलाई सुनिश्चित करे। समाज को न्याय, समानता और विविधता पर आधारित भारत की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने और उसका सम्मान करने में सक्षम होना चाहिए।

सुशासन: एक विकसित भारत में सुदृढ़ नीतियों और जवाबदेही के साथ एक चुस्त शासन होना चाहिए। एक सुशासन प्रणाली वह है जहां विश्वसनीय डेटा एकत्र करने, सुधार के लिए क्षेत्रों का विश्लेषण करने और टीम वर्क, प्रतिबिंब, सहानुभूति और परामर्श के आधार पर देश को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कार्य करने का प्रावधान है।*
इस अवसर पर महाविद्यालय से डॉ. सी.ए. लियोनी, प्रो.आर. अबिरामी, डॉ. वर्षा सिंह, डॉ. प्रकाश बारी, अरुण उरमलिया, शरद यादव, हीरालाल केवट, सुश्री मेघना ओटवानी कु.साक्षी कटारिया, श्रीमती शालिनी शर्मा, कु.आयुषी त्रिपाठी, श्रीमती संगीता मिश्रा, विशाल मोंगा,कु.वर्षा नामदेव, रामजी गुप्ता, प्रशांत सोनी व समस्त छात्र/छात्राओं की उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. वर्षा सिंह के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन सुश्री साक्षी कटारिया के द्वारा किया गया।

 

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