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क्या मांगने से मिल जाएगा ट्रंप को शांति का नोबेल? ऐलान कल, जानिए कौन-कौन हैं रेस में

क्या मांगने से मिल जाएगा ट्रंप को शांति का नोबेल? ऐलान कल, जानिए कौन-कौन हैं रेस में

क्या मांगने से मिल जाएगा ट्रंप को शांति का नोबेल? ऐलान कल, जानिए कौन-कौन हैं रेस में। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार खुद को शांति का नोबेल देने की मांग कर चुके हैं. इस साल यह पुरस्कार किसे मिलेगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि यह सस्पेंस खत्म होने में सिर्फ एक दिन बाकी है. नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में स्थित नोबेल कमेटी शुक्रवार दोपहर के 3 बजे के करीब नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान करेगी।

ट्रंप कई बार वैश्विक मंचों से यह कह चुके हैं कि शांति का नोबेल उन्हें ही मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने 8 युद्ध रुकवाए हैं. हालांकि इस मामले पर एक्सपर्ट्स की राय बिल्कुल उलट है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप नोबेल कमेटी की ओर से नहीं चुने जाएंगे. कम से कम इस साल तो बिल्कुल नहीं. ट्रंप ने 50 से ज्यादा बार दावा किया है कि उन्होंने परमाणु संपन्न भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया है।

स्वीडिश प्रोफेसर और इंटरनेशनल अफेयर्स के जानकार पीटर वैलेनस्टीन का कहना है कि ट्रंप इस साल नोबेल नहीं पाएंगे. हो सकता है उन्हें अगले साल पुरस्कार मिले, क्योंकि तब तक गाजा युद्ध रुक जाएगा. अब सवाल ये उठता है कि ट्रंप को नोबेल नहीं मिलेगा तो किसे मिलेगा?

नोबेल पीस प्राइज की रेस में कौन?

इस साल शांति के नोबेल के लिए 338 व्यक्तियों और संस्थाओं को नॉमिनेट किया गया है. शुक्रवार को हमें सिर्फ विजेता का नाम पता चलेगा और बाकी की लिस्ट अगले 50 सालों तक गुप्त रखी जाएगी. पिछले साल परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार जापान पर हुए परमाणु हमले में बचे लोगों के समूह निहोन हिडानक्यो को मिला था.

इस साल प्रमुख दावेदारों को लेकर ढेर सारे कयास लगाए जा रहे हैं. इनमें सूडान की इमरजेंसी रिस्पांस टीम शामिल है. यह वॉलंटियर्स का ऐसा नेटवर्क है, जो युद्ध और अकाल के बीच नागरिकों की सहायता के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं. रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की विधवा यूलिया नवलनया के नाम की भी चर्चा है. ऑफिस फॉर डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस एंड ह्यूमन राइट्स (OSCE) पर भी नजर है, ये संस्था चुनाव निगरानी के लिए जानी जाती है.

UN से जुड़ी शख्सियत भी रेस में

कुछ लोगों का कहना है कि कमेटी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी (UNHCR) या UN रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी (UNRWA) को चुन सकती है, क्योंकि इन संस्थाओं ने फिलिस्तीन में राहत कार्यों में खासी मदद की है.

कुछ अन्य लोगों का मानना है कि कमेटी, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, इंटरनेशनल कोर्ट या पत्रकारों की सुरक्षा समिति या रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स जैसे प्रेस निगरानी संगठनों को यह सम्मान दे सकती है. इस साल भी नोबेल कमेटी किसी ऐसे व्यक्ति को चुन सकती है, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी।

पुरस्कार के साथ मिलेंगे 12 लाख अमेरिकी डॉलर

ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को दिए जाएंगे. हर पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाती है. विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है. हर पुरस्कार के लिए अधिकतम 3 विजेता पुरस्कार राशि साझा कर सकते हैं। क्या मांगने से मिल जाएगा ट्रंप को शांति का नोबेल? ऐलान कल, जानिए कौन-कौन हैं रेस में

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