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Varun Mohan प्रोफ़ाइल: कौन हैं वह, पढ़ाई, और ₹25‑हज़ार करोड़ का प्रस्ताव ठुकराने का मौक़ा

Varun Mohan प्रोफ़ाइल: कौन हैं वह, पढ़ाई, और ₹25‑हज़ार करोड़ का प्रस्ताव ठुकराने का मौक़ा

Varun Mohan प्रोफ़ाइल: कौन हैं वह, पढ़ाई, और ₹25‑हज़ार करोड़ का प्रस्ताव ठुकराने का मौक़ा।  भारतीय मूल के वरुण मोहन ने कम समय में अपनी स्टार्टअप कंपनी विंडसर्फ को AI की दुनिया का बड़ा नाम बनाया. 25 हजार करोड़ का जॉब ऑफर ठुकराने के कारण उनकी चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं उनके बारे में

Varun Mohan प्रोफ़ाइल: कौन हैं वह, पढ़ाई, और ₹25‑हज़ार करोड़ का प्रस्ताव ठुकराने का मौक़ा
इन दिनों 25 हजार करोड़ रुपए की नौकरी का ऑफर ठुकराने वाला यह शख्स काफी चर्चा में है. ये हैं भारतीय मूल के वरुण मोहन, जो अब गूगल डीप माइंड में काम करते हैं. इन्होंने अपनी कंपनी विंडसर्फ के लिए गूगल के साथ 2.4 अरब डॉलर (लगभग 20 हजार करोड़ रुपए) का एक बड़ा करार किया है. ओपन एआई ने वरुण मोहन को 25,794 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और गूगल की AI कंपनी के साथ 20,633 करोड़ रुपए की डील साइन की. ऐसे में आइए जानते हैं कि उन्होंने किस काॅलेज से पढ़ाई लिखाई की है.

वरुण मोहन का बचपन कैलिफोर्निया के सनीवेल में बीता. उनके मम्मी-पापा भारत से हैं. वरुण ने सैन जोस के द हार्कर स्कूल में पढ़ाई की. यह स्कूल साइंस और टेक्नोलॉजी में बेहतरीन संस्थानों में एक माना जाता है. वरुण सिर्फ पढ़ाई ही नहीं सोचने के नए तरीकों पर भी काम करते थे.

एक साथ दो डिग्रियां और AI की गहरी समझ

वरुण ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस (EECS) से पढ़ाई की है. 2014 से 2017 के बीच उन्होंने EECS में बैचलर ऑफ साइंस और मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग दोनों डिग्रियां पूरी की. वह एक साथ दो डिग्रियां लेने वाले कुछ बच्चों में शामिल हैं.

MIT में वरुण ने ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर नेटवर्किंग, मशीन लर्निंग, परफॉर्मेंस इंजीनियरिंग और एल्गोरिदम की पढ़ाई की. उन्होंने पढ़ाई के दौरान किताबों की बातों को प्रैक्टिकल कामों से जोड़ा. खासकर बड़े सिस्टम बनाने में. वहां के बड़े-बड़े प्रोफेसरों और रिसर्च लैब के साथ काम करते हुए उन्हें नए AI तकनीकों के बारे में भी बहुत कुछ सीखने को मिला.

बड़ी कंपनियों का है अनुभव

MIT से निकलने के बाद वरुण मोहन ने लिंक्डइन, कोरा, न्यूरो, सैमसंग और डेटब्रिक्स जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों में काम किया. इन नौकरियों से उन्हें सिस्टम के पीछे के काम, मशीन लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रोबोटिक्स और बड़े डेटा प्लेटफॉर्म के बारे में प्रैक्टिकल जानकारी मिली.

दोस्त के साथ मिलकर विंडसर्फ कंपनी की रखी नींव

2021 में, वरुण मोहन ने अपने MIT के क्लासमेट और दोस्त डगलस चेन के साथ कोडियम नाम की कंपनी बनाई, जिसका नाम बाद में बदलकर विंडसर्फ कर दिया. शुरुआत में यह कंपनी GPU वर्चुअलाइजेशन पर काम करती थी, लेकिन जल्द ही उन्होंने AI बेस्ड IDE यानि इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एनवायरनमेंट पर काम करना शुरू किया, जो डेवलपर्स को बड़े भाषा मॉडल का इस्तेमाल करके कोड लिखने, सुधारने और समझने में मदद कर सके.

मोहन के नेतृत्व में विंडसर्फ से चार महीने में दस लाख से ज्यादा डेवलपर्स जुड़ गए. उन्होंने 243 मिलियन डॉलर (लगभग 2000 करोड़ रुपए) की फंडिंग जुटाई और कंपनी की कीमत 1.25 अरब डॉलर (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) तक पहुंच गई. प्लेटफॉर्म का सबसे बड़ा कमाल एजेंटिक वर्कफ्लो था, जहां कैस्केड जैसे AI टूल अपने आप छोटे डेवलपमेंट का काम कर देते थे, जबकि इंजीनियर बड़े प्लान बनाने और रणनीति पर ध्यान दे पाते थे. इसके ओपन-सोर्स कामों और तेजी से काम करने की काबिलियत ने इसे बड़ी कंपनियों के बीच भी बहुत पसंद किया.

गूगल के साथ 2.4 अरब डॉलर का बड़ा सौदा

2025 की सबसे बड़ी AI डील्स में से एक में, गूगल ने विंडसर्फ की तकनीकों को लाइसेंस देने के लिए 2.4 अरब डॉलर का समझौता किया. गूगल ने कंपनी को सीधे खरीदा नहीं, बल्कि वरुण मोहन और उनकी टीम के खास लोगों को Google DeepMind में शामिल कर लियाVarun Mohan प्रोफ़ाइल: कौन हैं वह, पढ़ाई, और ₹25‑हज़ार करोड़ का प्रस्ताव ठुकराने का मौक़ा

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