
यूपी पुलिस ने आज वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने के लिए आदेश जारी होने के बाद पुलिस ने अभियान चलाकर कई चार पहिया वाहनों से हूटर, नीली बत्ती, ब्लैक फिल्म उतरवाई। इधर एमपी खास तौर पर कटनी की बात हो तो यहां कलेक्टर एसपी के वाहन को छोड़ दें तो बाकी सभी अधिकारी न सिर्फ अपने वाहन में लाल पीली नीली बत्ती लगाए घूम रहे वरन सायरन बजाते अपने वजूद को खुले आम दिखाने बेताब हैं।
कटनी जिले के एसडीएम तहसीलदार कुछ ज्यादा ही ओहदे पर नाज करने में लगे हैं। यही हाल पुलिस के अधिकारियों एसडीओपी तक तो ठीक टीआई भी अपने वाहनों से लाल नीली पीली बत्ती उतार नहीं पा रहे।
नगर निगम का अतिक्रमण हटाने वाला वाहन तो सायरन ऐसे बजाता है जैसे को वीवीआइपी की फलोगार्ड बना हो। खास बात यह है कि दोपहिया वाहनों पर चालान ठोंकने वाली पुलिस ने आज तक किसी अधिकारी का लाल नीली पीली बत्ती पर कटनी में कोई कार्रवाई नहीं की।
बहरहाल खबर यूपी के सोनभद्र जिले से आई जहां सीओ ऑपरेशन अमर बहादुर के नेतृत्व में चलाए गए अभियान के दौरान एडीएम सोनभद्र के वाहन पर लगी नीली बत्ती भी उतरवा दी गई। इसके अलावा आबकारी विभाग की गाड़ी तथा मजिस्ट्रेट लिखे वाहन को भी रोक कर कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मंगलवार की शाम सीओ ऑपरेशन अमर बहादुर सिंह ने पुलिस टीम के साथ वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर जगह-जगह वाहनों की जांच की गई। इस दौरान अपर जिलाधिकारी सोनभद्र की गाड़ी भी हूटर बजाते हुए पहुंच गई।
कोर्ट ने मल्टीटोन हॉर्न तथा अन्य सायरन हूटर के अनधिकृत उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। इसके आधार पर विभाग ने 11 जुलाई, 2006 में जारी अधिसूचना में संशोधन कर नई अधिसूचना जारी की है।
ये कर सकेंगे नीली बत्ती का उपयोग
अधिसूचना के तहत कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एवं उपखंड मजिस्ट्रेट नीली बत्ती लगा सकेंगे। ये लोग बत्ती का उपयोग घर से ऑफिस के दौरान नहीं लगा सकेंगे। सिर्फ कानून व्यवस्था के दौरान लग सकेंगे। बाकी समय बत्ती को ढकी रहेगी। वहीं गश्ती ड्यूटी, एस्कॉर्ट, पायलेट, आपात स्थिति नियंत्रण या कानून व्यवस्था के लिए पुलिस, आबकारी, परिवहन विभाग और अग्निशमन वाहन नीली बत्ती लगा सकेंगे। बैंगनी रंग के कांच से ढकी लाल बत्ती का उपयोग एम्बुलेंस के लिए कर सकेंगे।
ये लगा सकेंगे फ्लैशर वाली लालबत्ती
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री।
ये बिना फ्लैशर वाली लालबत्ती लगा सकेंगे
विधानसभा के उपाध्यक्ष, राज्य मंत्री, एडवोकेट जनरल, उप मंत्री, मुख्य सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष।
अवैध रूप से बत्ती लगाई तो…
अवैध रूप से लाल या नीली बत्ती का उपयोग करने पर अधिकारी व कर्मचारियों विरुद्ध सीसीए नियम 17/16 के अन्तर्गत कार्रवाई होती है। सेवामुक्त एवं वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है।