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Vijaya Ekadashi Varat: विजया एकादशी व्रत का महत्व, लाभ और पूजा विधि

Vijaya Ekadashi Varat: विजया एकादशी व्रत का महत्व, लाभ और पूजा विधि

Vijaya Ekadashi Varat: विजया एकादशी व्रत का महत्व, लाभ और पूजा विधि। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है. फाल्गु माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो कि हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. विजया एकादशी एक पवित्र और शक्तिशाली व्रत माना गया है. इस बार विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा. लेकिन क्या आपको पता है कि विजया एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है? अगर नहीं, तो आइए आपको इस लेख में बताते हैं विजया एकादशी का महत्व और इस व्रत को रखने के लाभ।

विजया एकादशी व्रत 2025: जानें इसका महत्व, लाभ और पूजा विधि

विजया एकादशी का क्या महत्व है? (Vijaya Ekadashi significance)

विजया एकादशी व्रत का उद्देश्य शत्रुओं पर विजय प्राप्त करना है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम ने विजया एकादशी का व्रत करके रावण को पराजित किया था. विजया एकादशी व्रत को रखने से रोग-शोक से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. साथ ही, भगवान विष्णु प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं.

धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत करने से व्यत्ति को सभी क्षेत्र में विजय मिलती है. यह व्रत रोग-शोक से मुक्ति दिलाता है और दुश्मनों पर विजय दिलाने वाला होता है. ऐसा कहा जाता है कि विजया एकादशी व्रत करने और इसके माहात्म्य को पढ़ने या सुनने से वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.।

विजया एकादशी का व्रत रहने से क्या फल मिलता है?

विजया एकादशी की सबसे विशेष बात यह है कि इसका संबंध मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम से है. ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन का व्रत रखता है उसके सभी विरोधियों और शत्रुओं का नाश होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, विजया एकदशी व्रत आपकी आत्मा पर बोझ रहे समस्त पापों का शमन करने वाला माना गया है. इसके अलावा, विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं. साथ ही, अनजाने में हुए पाप भी खत्म होते हैं।

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