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VIDEO-रात भर रोया माधवनगर, जीवित नहीं मिल सके प्रशांत-आद़या

कटनी। उपनगरीय क्षेत्र ही नहीं पूरे कटनी जिले में बीती रात भाजपा जिलाध्यक्ष पीतांबर टोपनानी के भतीजे प्रशांत और 7 वर्षीय पोती आद्या की हादसे में मौत से सभी हतप्रभ और शोकाकुल हैं। इसे दुखद संयोग कहा जाए या फिर नगर निगम की लापरवाही समझ नहीं आ रहा। संयोग यूं की अचानक इतनी तेज बारिश हुई कि चंद मिनटों में नाला उफान पर आ गया। और लापरवाही यह कि उस क्षेत्र में इस नाले के खुले मुहाने पर नगर निगम की नजरअंदाजी जिसने एक निर्दोष पिता पुत्री को लील लिया। सवाल खड़े यह भी हुए कि नाले का निर्माण किसने कराया ? खोजबीन करने पर पता लगा कि समदड़िया सिटी कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा ही नाला बनाया गया था। साफ है कि इस नाले में हर 8- 10 फीट पर चेंबर बनाये जाते तो हो सकता है हादसे में इन आद्या और प्रशांत की जान बच जाती।

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रात भर नहीं सोया माधवनगर
हादसे के बाद पूरे माधवनगर में दुआओं का दौर चलता रहा, जिसे भी खबर लगती वह सीधा घटना स्थल की ओर भागता। महिलाएं पूरी रात घरों के बाहर बैठी रहीं। सभी उस खबर की उम्मीद में थे कि बेटी और पिता के जीवित होने का समाचार मिले अफसोस खबर सुबह मिली तो लेकिन अशुभ। रात भर पूरे माधवनगर क्षेत्र में हड़कंप था तो आज सुबह से सन्नाटा पसरा था।

पूरी रात गोताखोर खंगालते रहे हत्यारे नाले को


करीब दो किलोमीटर के इस अंडरग्राउंड नाले में गोताखोर पूरी रात प्रशांतऔर आद्या की तलाश करते रहे लेकिन पिता पुत्री का कुछ भी पता नहीं लग सका है। नाले में तेज बहाव था। रात्रि में करीब एक किलोमीटर तक नाले में तलाश शुरू की गई है। इस पूरे रेस्क्यू में एक दर्जन गोताखोर पिता पुत्री की तलाश में जुटे रहे घटना को जब करीब 5 घण्टे बीते तो चिंता बढ़ गई। लोगों ने बताया कि स्थानीय नागरिकों के अनुसार इस बड़े नाले से कई छोटे नाले कालोनियों के सीवरेज पाइप भी आकर मिलते हैं संभव है कि पिता पुत्री किसी छोटे पाइप में फंस गए हों। अलग अलग कयासों के बाद मंत्री संजय पाठक ने कलेक्टर को निर्देश दिये तब जबलपुर से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया।

सुबह नाले के अंतिम छोर से शुरू हुई तलाशी


एनडीआरएफ की टीम ने सुबह करीब 5 बजे से नाले के अंतिम छोर से तलाशी शुरू की छाड़ियों पालीथीन और कचरे को हटाया गया तब पहले आद्या का शव और इसके ठीक पीछे प्रशांत का शव मिल गया। लोगों की आंखे नम हो गईं। साफ था कि बेटी को बचाते-बचाते प्रशांत ने अपनी जिंदगी खो दिया फिर भी वह न तो स्वयं का बचा पाया न ही बेटी को।

नाले के अंदर मिले सांप
सुबह साढ़े तीन बजे एनडीआरएफ कटनी पहुंची और कमान अपने हाथ में ली। नये सिरे से खोज शुरू हुई। आक्सीजन माक्स सहित एनडीआरएफ के गोताखोर फिर से नाले में उतरे फिर से पूरे नाले का खंगाला गया इस बीच बाहर निकले गोताखोरों ने बताया कि नाले में काफी गंदगी और कीचड़ के साथ विषैले सांप से भी उनका सामना हुआ। अलबत्ता एक बार फिर से प्रशांत और आद्या का पता नहीं लग सका।

मंत्री संजय पाठक ने संभाली कमान


घटना की खबर लगते ही जबलपुर में अपने कार्यक्रम को बीच में छोड़ कर राज्यमंत्री संजय सत्येंद्र पाठक कटनी निकल पड़े। रात्रि करीब 12 बजे जब वह कटनी पहुंचे तो पूरे प्रशासन को घटना स्थल पर पहुंचने का आदेश दिया इसके बाद तो कलेक्टर एसपी सहित तमाम छोटे बड़ अधिकारी घटना स्थल पर डटे रहे। मंत्री संजय पाठक भी पूरी रात यहां मौजूद थे। इससे पहले महापौर शशांक श्रीवास्तव विधायक संदीप जायसवाल, निगमाध्यक्ष संतोष शुक्ला सहित कई लोग मौजूद थे।

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