
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होंगे? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का का विषय है सूत्रों के अनुसार अब यह सस्पेंस खत्म होने का वक्त आ गया है। पार्टी और RSS ने मिलकर हरियाणा के पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम पर सहमति बनाई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो इसका एलान “मानसून सत्र से पहले” किया जा सकता है।
खट्टर का राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ
खट्टर का राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ, जहां उन्होंने दो दशकों तक संगठनात्मक जिम्मेदारियां निभाईं। संयमित और कम विवादित रहने वाले खट्टर की छवि ने उन्हें बीजेपी के भीतर एक भरोसेमंद विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किया। RSS प्रमुख मोहन भागवत और पीएम नरेंद्र मोदी से बने रिश्ते ने खट्टर की उम्मीदवारी को और मजबूत किया। भाजपा अंदरूनी गोलबंद प्रक्रियाओं से बीजेपी में उनका प्रभावशाली योगदान माना जा रहा है। हिंदुस्तान की राजनीति में खट्टर ने कई बार चुनाव प्रबंधन, प्रचार और संगठन विस्तार का काम संभाला। ‘हिंदी बेल्ट’ में उनकी पकड़ और मीडिया प्रबंधन भी उनके पक्ष में गिना जा रहा है।
यह चुनौतियां
-अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद खट्टर की सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी:
-2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत सुनिश्चित करना
-उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे बड़े राज्यों में रोडमैप तैयार करना
-इन राज्यों में बीजेपी की रणनीति और विस्तार में अब खट्टर की रणनीति निर्णायक भूमिका निभा सकती है।