
ITR Filing: ड्यू डेट और लास्ट डेट को समझें, जुर्माना से बचने के टिप्स जानें। इस बार ITR भरने की ड्यू डेट 15 सितंबर 2025 है, जबकि लास्ट डेट 31 दिसंबर 2025 होगी. ड्यू डेट मिस करने पर लेट फीस, ब्याज और कई टैक्स फायदे खो सकते हैं. समय पर फाइल करने से रिफंड पर ज्यादा ब्याज, बेहतर टैक्स प्लानिंग और प्रोसेसिंग में कम परेशानी होती है।
ITR Filing: ड्यू डेट और लास्ट डेट को समझें, जुर्माना से बचने के टिप्स जानें
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए लोगों को पहले से ज्यादा समय मिला है. कई लोगों ने समय रहते अपना रिटर्न भर भी दिया है, लेकिन कुछ लोग तारीख बढ़ने के बाद निश्चिंत होकर आराम से बाद में फाइल करने की सोच रहे हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि आखिरी समय का इंतजार करना सही नहीं है, क्योंकि ITR फाइलिंग में दो तारीखें बेहद अहम होती हैं—ड्यू डेट और लास्ट डेट.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आम तौर पर लोग इन दोनों को एक जैसा समझ लेते हैं, जबकि इनमें बड़ा फर्क होता है. ड्यू डेट वह तारीख है, जिसके भीतर आप बिना लेट फीस और पेनल्टी के रिटर्न भर सकते हैं. वहीं, लास्ट डेट वह अंतिम समय सीमा होती है, जिसके बाद रिटर्न भरना बिल्कुल संभव नहीं होता.
कब है ITR फाइल करने की डेडलाइन?
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की ड्यू डेट पहले 31 जुलाई, 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया गया. अगर कोई टैक्सपेयर इस तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करता, तो वह 31 दिसंबर, 2025 तक लेट फीस और ब्याज के साथ रिटर्न फाइल कर सकता है. यही लास्ट डेट या फाइनल डेडलाइन है. इसके बाद ITR फाइल करने का कोई विकल्प नहीं बचेगा.
ड्यू डेट मिस करने के नुकसान
अगर आप ड्यू डेट यानी 15 सितंबर, 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो कई तरह के फायदे हाथ से निकल सकते हैं.
अगर आपको किसी वित्तीय नुकसान (Loss) को अगले साल के मुनाफे से सेट-ऑफ करने का हक है, तो वह अधिकार खत्म हो जाएगा.
अगर 31 मार्च, 2025 तक एडवांस टैक्स पूरा नहीं चुकाया है, तो कमी पर ब्याज देना होगा, भले ही बाद में टैक्स भर दिया जाए.
रिफंड पाने वालों को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ड्यू डेट के बाद फाइल करने पर रिफंड पर मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा।
लास्ट डेट तक फाइल करने पर क्या होगा?
मान लीजिए, राजीव शर्मा नाम के एक सीनियर सिटीजन की आय बैंक ब्याज, शेयर और म्यूचुअल फंड डिविडेंड से होती है. उन्हें एडवांस टैक्स भरने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर वे 15 सितंबर के बाद और 31 दिसंबर, 2025 से पहले ITR फाइल करते हैं, तो उन्हें उस अवधि का ब्याज देना होगा. इसके साथ लेट फीस भी लागू होगी
क्यों जरूरी है समय पर ITR फाइल करना?
समय पर ITR फाइल करने से न केवल लेट फीस और ब्याज से बचा जा सकता है, बल्कि टैक्स प्लानिंग के फायदे भी पूरे मिलते हैं. जल्दी फाइल करने पर रिफंड का ब्याज अधिक मिलता है और दस्तावेजों की गड़बड़ी या प्रोसेसिंग में देरी की आशंका भी घट जाती है। ITR Filing: ड्यू डेट और लास्ट डेट को समझें, जुर्माना से बचने के टिप्स जानें