
उज्जैन बनेगा इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय मॉडल, मध्य प्रदेश में EV नीति को मिली मंजूरी। उज्जैन नगर निगम ने 100 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए मुंबई की ग्रीनसेल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को एलओयू जारी किया है। इससे शहर में प्रदूषण रहित और आरामदायक परिवहन की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना से पर्यावरण संरक्षण, रोजगार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए 12 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
न। बहुत जल्द भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन ‘स्मार्ट सिटी’ से ‘ग्रीन सिटी’ की दिशा में एक कदम आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय माडल बनने जा रही है। इससे पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को रफ्तार मिलेगी।
दरअसल, उज्जैन नगर निगम की लोक परिवहन कंपनी उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (यूसीटीएसएल) के चेयरमैन सह महापौर मुकेश टटवाल ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए मुंबई की ग्रीनसेल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को 100 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए एलओयू (लेटर आफ अंडरटेकिंग यानी प्रतिबद्धता पत्र) जारी करने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
उज्जैन बनेगा इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय मॉडल, मध्य प्रदेश में EV नीति को मिली मंजूरी
अब कंपनी की औपचारिक सहमति मिलते ही मक्सी रोड स्थित परिवहन निगम की पांच एकड़ जमीन पर चार्जिंग हब के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 12 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है, जिसकी प्रशासकीय मंजूरी भी जारी हो चुकी है।
100 इलेक्ट्रिक एसी बसें मिलेंगी
महापौर मुकेश टटवाल ने कहा है कि शहरवासियों को जल्द ही प्रदूषण रहित, आरामदायक और तकनीक से सजी 100 इलेक्ट्रिक एसी बसें मिलेंगी। यह पहल न केवल सड़क यातायात के बोझ को कम करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, रोजगार और पर्यटन को भी नई रफ्तार देगी।
प्रत्येक बस की कीमत करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये होगी। बसों के संचालन, ड्राइवर और मैंटेनेंस की जिम्मेदारी ग्रीनसेल की होगी, जबकि कंडक्टर यूसीटीएसएल देगा। किराये और विज्ञापन से होने वाली आय पूरी तरह यूसीटीएसएल की होगी।
बसें 40 प्रतिशत सब्सिडी और वायबिलिटी गैप फंड के माडल पर ग्रीन सेल कंपनी द्वारा खरीदी जाएंगी, जिससे निगम पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। प्रारंभिक योजना के तहत बसों का संचालन शहर के विभिन्न रूट्स पर होगा, जैसे—देवास गेट से मक्सी रोड, जयसिंहपुरा से आरडी गार्डी मेडिकल कालेज, हक्कानीपुरा से अभिलाषा कॉलोनी आदि। 12 बसें विशेष रूप से ‘उज्जैन दर्शन सेवा’ के लिए आरक्षित रहेंगी।
पर्यटन को संजीवनी
यह प्रोजेक्ट न केवल आम यात्रियों बल्कि लाखों पर्यटकों के लिए भी वरदान साबित होगा। बसों को शहर के प्रमुख मार्गों- देवासगेट, मक्सी रोड, भैरवगढ़, तपोभूमि, आरडी गार्डी पर चलाया जाएगा। बसें, उज्जैन दर्शन सेवा में भी जुड़ेंगीं। बस में यात्रियों के चढ़ने-उतरने के लिए लगभग 80 बस स्टाफ बनाए जाएंगे। ये सुविधा पर्यटन के लिए संजीवनी समान होगी। उज्जैन बनेगा इलेक्ट्रिक ट्रांजिट का राष्ट्रीय मॉडल, मध्य प्रदेश में EV नीति को मिली मंजूरी