
UIDAI का बड़ा कदम: आधार में फोटो और क्यूआर कोड जोड़ने की योजना, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने लोगों की तस्वीर और क्यूआर कोड के साथ आधार कार्ड जारी करने पर विचार कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य लोगों के डाटा का दुरुपयोग रोकने और वर्तमान आधार कानून के उल्लंघन में ऑफलाइन सत्यापन प्रथाओं को खत्म करना है। आधार अधिनियम ऑफलाइन सत्यापन के मामले में किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी व्यक्ति की आधार संख्या या बायोमेट्रिक जानकारी के संग्रह, उपयोग या भंडारण पर प्रतिबंध लगाता है।
UIDAI का बड़ा कदम: आधार में फोटो और क्यूआर कोड जोड़ने की योजना, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
आधार के लिए नए एप पर एक हुए ऑनलाइन सम्मेलन में, यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा, प्राधिकरण दिसंबर में एक नया नियम लाने पर विचार कर रहा है ताकि होटल, इवेंट ऑर्गनाइजर्स की ओर से ऑफलाइन सत्यापन को हतोत्साहित किया जा सके। व्यक्तियों की गोपनीयता बनाए रखते हुए आधार का उपयोग करके आयु सत्यापन प्रक्रिया को बढ़ाया जा सके।
कुमार ने कहा, इस बात पर एक सोची-समझी प्रक्रिया चल रही है कि कार्ड पर कोई भी विवरण क्यों होना चाहिए। इसमें सिर्फ एक तस्वीर और एक क्यूआर कोड होना चाहिए। अगर हम छपाई करते रहेंगे, तो लोग छपी हुई चीजें ही लेते रहेंगे। जो लोग इसका दुरुपयोग करना जानते हैं, वे इसका दुरुपयोग करते रहेंगे।
क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके सत्यापित किया जाना चाहिए
कुमार ने कहा, आधार कार्ड की प्रति का इस्तेमाल कर ऑफलाइन सत्यापन को खत्म करने के लिए कानून पर काम चल रहा है, जिसे एक दिसंबर को आधार प्राधिकरण के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा, आधार को कभी भी दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसे सिर्फ आधार संख्या से प्रमाणित किया जाना चाहिए या क्यूआर कोड का इस्तेमाल करके सत्यापित किया जाना चाहिए। अन्यथा, यह एक नकली दस्तावेज हो सकता है।
यूआईडीएआई ने बैंकों, होटलों, फिनटेक फर्मों समेत कई हितधारकों के साथ संयुक्त बैठक की, ताकि उन्हें नए एप के बारे में जानकारी दी जा सके, जिसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। आधार अधिनियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति का आधार नंबर या बायोमेट्रिक जानकारी ऑफलाइन सत्यापन के लिए इकट्ठा, उपयोग या संग्रहित नहीं की जा सकती। फिर भी कई संस्थाएं आधार कार्ड की फोटोकॉपी इकट्ठा और स्टोर करती हैं।







