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ट्रंप का दावा: गर्भावस्था में टायलनॉल से हो सकता है ऑटिज़्म, विशेषज्ञों ने बताया बेबुनियाद

ट्रंप का दावा: गर्भावस्था में टायलनॉल से हो सकता है ऑटिज़्म, विशेषज्ञों ने बताया बेबुनियाद

ट्रंप का दावा: गर्भावस्था में टायलनॉल से हो सकता है ऑटिज़्म, विशेषज्ञों ने बताया बेबुनियाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि गर्भावस्था के दौरान टायलनॉल (जिसका वैज्ञानिक नाम एसिटामिनोफेन है) दवा का सेवन करने से बच्चों में ऑटिज्म की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस दावे का अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ट्रंप ने व्हाइट हाइस में सुझाव कि गर्भवती महिलाओं की पूरी गर्भावस्था के दौरान टायलनॉल नहीं लेना चाहिए। उन्होंने टीकों को लेकर भी आधारहीन चिंता व्यक्त की। स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व ‘मेक अमेरिका हेल्दी अगेन’ अभियान चलाया जा रहा है। हाल के वर्षों में ऑटिज्म के मामलों में आई तेजी के कारण ट्रंप प्रशासन पर जवाब देने के लिए भारी दबाव है।
ट्रंप का दावा: गर्भावस्था में टायलनॉल से हो सकता है ऑटिज़्म, विशेषज्ञों ने बताया बेबुनियाद
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटिज्म के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण इसकी नई परिभाषा है, जिसमें अब हल्के लक्षण वाले मामले भी शामिल हैं। साथ ही अब पहले की तुलना में बेहतर और अधिक सटीक निदान हो पा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऑटिज्म का कोई एक कारण नहीं होता। बल्कि इसमें आनुवांशिक और पर्यावरणीय दोनों तरह के कारक भूमिका निभा सकते हैं। ट्रंप के बयान को विशेषज्ञ वैज्ञानिक शोध की दशकों पुरानी मेहनत को दरकिनार करने वाला मानते हैं।

यह घोषणा ट्रंप प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर और उनके समर्थकों की पहल पर सरकार के स्वास्थ्य विभागों में कई कटौती की गई हैं। साथ ही, रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) में टीके की नीति को लेकर अंदरूनी मतभेद पैदा हो गए हैं। कैनेडी द्वारा चुनी गई टीकाकरण समिति ने हाल ही में कोविड-19 और अन्य बीमारियों के लिए टीके से जुड़े दिशानिर्देशों में बदलाव किया है।

ट्रंप ने रविवार को शाम को कहा था, मुझे लगता है हमें ऑटिज्म का जवाब मिल गया है। उन्हें इसे ‘बड़ी खबर’ बताया था। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह दावा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उनका कहना है कि किसी प्रशासन के पहले साल में इतना बढ़ा निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। ऑटिज्म को लेकर अभी और गहन शोध की जरूरत है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पर्यावरणीय कारकों की इसमें कोई भूमिका है या नहीं।

रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर वर्षों से यह दावा करते आए हैं कि टीका ऑटिज्म बढ़ने का कारण हो सकता है। हालांकि, यह विचार वैज्ञानिक तौर पर कई बार खारिज किया जा चुका है। सीडीसी के मुताबिक, अमेरिका में हर 31 में से एक बच्चा ऑटिज्म से प्रभावित है। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का मानना है कि इस ऑटिज्म के मामलों में बढ़ोतरी का कारण जागरूकता और इसकी नई परिभाषा है। ऑटिज्म एक मस्तिष्क से जुड़ा विकार है। इसका मतलब है कि यह बीमारी बच्चे को सोचने, समझने, बोलने, व्यवहार करने और दूसरों से जुड़ने के तरीके को प्रभावित करती है।

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