पर्यटन विभाग ने तैयार किया खाका; अयोध्या में 6 प्रवेश द्वारों को पर्यटन केंद्र बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ : अयोध्या में श्रद्धालुओं को अब बुनियादी सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटकों की सुविधाओं के लिए छह प्रमुख प्रवेश द्वारों पर गेट कॉम्प्लेक्स तैयार कर रहा है, जहां एक ही परिसर में कई अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध होंगी. इन गेट कॉम्प्लेक्स में यात्री निवास, स्टार रेटेड व बजट होटल, पर्यटन सूचना केंद्र, कला एवं शिल्प दीर्घाएं, शॉपिंग एरिया, कैफेटेरिया और अन्य आवश्यक सुविधाएं होंगी. यह गेट पीपीपी मॉडल पर बनाये जाएंगे. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन अयोध्या में बढ़ती पर्यटक संख्या को देखते हुए वहां के पर्यटन ढांचे को आधुनिक रूप देने जा रहा है. भगवान श्रीराम की जन्मस्थली सांस्कृतिक वैभव की प्रतीक अयोध्या ऐतिहासिक रूप से सभी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए यादगार होगा. राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या वैश्विक मंच पर एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है. ये द्वार श्री राम द्वार (लखनऊ रोड), लक्ष्मण द्वार (गोंडा रोड), भरत द्वार (सुलतानपुर रोड), हनुमान द्वार (गोरखपुर रोड), जटायु द्वार (अम्बेडकर नगर रोड) और गरुड़ द्वार (रायबरेली रोड) शहर के प्रमुख मार्गों पर स्थापित किए जा रहे हैं.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि यह परियोजना एक मास्टर प्लान के अंतर्गत क्षेत्र-आधारित योजना ध्यान में रख तैयार किया गया है. गेट कॉम्प्लेक्स के भीतर भूखंड पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित किए जाएंगे. इसका विकास निजी निवेशकों द्वारा बुनियादी ढांचे के साथ किया जाएगा.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि गेट कॉम्प्लेक्स में यात्री निवास, स्टार रेटेड और बजट होटल, पर्यटन कार्यालय, कला और शिल्प दीर्घाएं, शॉपिंग एरिया, कैफेटेरिया, एम्फीथिएटर और हरित सार्वजनिक स्थल भी विकसित किए जाएंगे. इसके साथ ही सड़कें, बिजली और जलापूर्ति, समर्पित पावर स्टेशन, जल शोधन संयंत्र और सुरक्षा प्रणाली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अयोध्या केवल आस्था का नगर नहीं, बल्कि भारत की समृद्ध विरासत का प्रतीक है. राज्य सरकार अयोध्या को विश्व स्तरीय ढांचे और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर एक वैश्विक आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा उद्देश्य अयोध्या की धार्मिक महत्ता के साथ-साथ उसकी सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक मंच पर स्थापित करना है.