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इस बार दशहरा पर्व मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति, कहीं 1 तो कहीं 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा दशहरा पर्व, हिंदू पंचाग में 2 अक्टूबर को दशहरा

कटनी(YASHBHARAT.COM) । असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर धर्म की पुन: स्थापना की थी। यही कारण है कि इस पर्व को विजयादशमी भी कहा जाता है। इस दिन देशभर में रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम के आदर्श जीवन और मर्यादा की झलक प्रस्तुत की जाती है। प्रदोष काल में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। इन पुतलों को अहंकार, अन्याय और अधर्म के नाश का प्रतीक है। इसके साथ ही इस दिन लोग एक-दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएं देते हैं। इस साल दशमी तिथि दो दिन होने के कारण दशहरी की तिथि को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई दुर्गा उत्सव समितियां 1 अक्टूबर को दशहरा मनाने की तैयारी कर रही हैं तो कई 2 अक्टूबर को ही दशहरा पर्व मनाने की बात कर रही हैं। हालांकि कटनी में प्रशासन ने शांति समिति की बैठक लेकर पहले ही शहर में दशहरा पर्व 1 अक्टूबर को मनाए जाने का निर्णय कर चुका है। वहीं शहर से लेकर उपनगरीय क्षेत्रों की कई दुर्गा उत्सव समितियां प्रशासन के इस निर्णय को मानने से इंकार कर रही हैं तथा पंचाग के अनुसार 2 अक्टूबर को ही दशहरा पर्व मनाने व दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की बात कर रही हैं। हालांकि शहर में पिछले कई वर्षो से दशहरा जुलूस में कम प्रतिमा शामिल होती हैं तथा दशहरा जुलूस के बाद कई दिनों तक प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला चलता रहता है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार दशहरा के बाद पूर्णिमा तक प्रतिमा विसर्जित करने का भी उल्लेख है। बहरहाल हिंदू पंचांग के अनुसारए1 अक्टूबर को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का आरंभ दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर होगा जो 2 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में रावण दहन का पर्व 2 अक्टूबर 2025 को मनाया जाना ही धर्म सम्मत होगा। इस साल दशमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 को शाम 7:01 बजे शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 को शाम 7:10 बजे तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार दशहरा 2 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस बार दशमी तिथि का समय ऐसा है कि दशहरे को लेकर कोई असमंजस नहीं है बल्कि इसे 2 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा, जैसा कि पंचांगों में दर्शाया गया है।

दशहरा पर बन रहा शुभ योग

पंचांग के अनुसार इस बार दशहरा पर काफी शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि से लेकर रवि योग का निर्माण हो रहा है। दशहरा का पर्व श्रवण नक्षत्र में मनाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 13 मिनट पर श्रवण नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा जो अगले दिन 3 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही रवि योग 06:15 सुबह से 3 अक्टूबर को 06:15 सुबह तक है।

दशहरा के महत्व पर एक नजर

यह पर्व धर्म सत्य और सदाचार की विजय का प्रतीक है। नवरात्रि उपरांत देवी दुर्गा की विजय को भी दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को नए कार्य, शिक्षा, व्यवसाय और शस्त्र-पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि विजयादशमी पर किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

 

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