सावन में इस बार होगा आयुष्मान योग व सौभाग्य योग जैसे योगों का निर्माण, 11 जुलाई से शुरू होगा सावन, 14 जुलाई को पड़ेगा पहला सोमवार

कटनी। हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है। यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है। श्रावण मास के दौरान शिव भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिलता है। श्रावण मास में भक्त व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। खासकर इस माह में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार को व्रत रखने से विवाह से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 में सावन मास की शुरुआत आगामी 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा। यानी यह महीना कुल 30 दिनों का रहेगा। इन 30 दिनों में शिव आराधना, उपवास और धार्मिक अनुष्ठान करना विशेष फलदायी होता है। इस समय को शिव भक्ति का सर्वोत्तम समय कहा जाता है क्योंकि इस महीने में की गई पूजा और तपस्या का फल कई गुना अधिक मिलता है।
सावन सोमवार की तिथियां
पहला सोमवार व्रत-14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार व्रत-21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार व्रत-28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार व्रत-अगस्त 2025
मान्यता है कि इन चारों सोमवार को व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं। पहले सावन सोमवार में आयुष्मान योग, सौभाग्य योग जैसे योगों का निर्माण हो रहा है।
सावन का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। कहा गया है कि यह महीना स्वयं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यही वह समय होता है जब माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसी भी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव अपनी ससुराल यानी माता पार्वती के मायके पृथ्वी पर आते हैं और उनके स्वागत में भक्त जलाभिषेक करते हैं। सावन के महीने में हर दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता। भक्त नियमपूर्वक पूजा, व्रत और भक्ति करते हैं। महिलाएं विशेष रूप से इस महीने में व्रत करती हैं ताकि उन्हें अच्छा पति मिले या उनके दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहे।
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