FEATUREDLatestमध्यप्रदेशराष्ट्रीय

उच्च शिक्षण संस्थानों में सख्ती: अब कोरियर की होगी जांच, नशा रोधी अधिकारी की होगी नियुक्ति

उच्च शिक्षण संस्थानों में सख्ती: अब कोरियर की होगी जांच, नशा रोधी अधिकारी की होगी नियुक्ति

उच्च शिक्षण संस्थानों में सख्ती: अब कोरियर की होगी जांच, नशा रोधी अधिकारी की होगी नियुक्ति। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश के बाद अब देश भर के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों में आने वाले पार्सल/कोरियर की जांच की जाएगी। उन विद्यार्थियों पर भी निगरानी रखी जाएगी जो छात्र छात्रावास में रहते हुए भोजन नहीं करते हैं या किसी मादक पदार्थ का सेवन करते हैं।

परिसर को नशामुक्त करने के लिए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी होगी। साथ ही परिसर के आसपास भी किसी प्रकार के मादक पदार्थों की बिक्री को प्रतिबंधित किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि कालेजों में एक नशा रोधी अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा जो इस पूरी गतिविधि की निगरानी करेगा। यूजीसी ने यह पहल विश्वविद्यालयों को नशा मुक्त परिसर बनाने के लिए की

बता दें कि केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 15 मई 2025 को हुई नार्को-समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) की आठवीं उच्च स्तरीय बैठक में विश्वविद्यालय परिसरों में नशामुक्त भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई थी। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसी के बाद यूजीसी ने यह कदम उठाया है। यूजीसी ने निर्देश दिया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में नुक्कड़ नाटक, लघु नाटक, योग, ध्यान, खेलकूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाए।

संस्थानों को अपने प्रभावशाली पूर्व छात्रों को भी इस अभियान में जोड़ने की सलाह दी गई है। इस अभियान की शुरुआत नए सत्र में नशा-विरोधी घोषणा और प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन सेमिनार से होगी। साथ ही, नशा-विरोधी समिति, नशामुक्ति क्लब और छात्रावास समिति के गठन का भी प्रविधान किया गया है।

संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

आदेश में स्पष्ट किया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकट स्थित और ज्ञात नशा-हाटस्पाट वाले संस्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि होने पर कार्रवाई भी की जा सकेगी।

भोजनालयों का बेहतर प्रबंधन

कालेजों और विश्वविद्यालयों के भोजन कक्षों की गुणवत्ता को सुधार कर पेशेवर संचालन किया जाएगा। पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन विद्यार्थियों पर भी निगरानी रखी जाएगी जो नियमित रूप से भोजन नहीं करते या किसी प्रकार के मादक पदार्थ के सेवन की आदत से ग्रसित हो सकते हैं।

बाहरी कोरियर जांचे जाएंगे

परिसर की परिधि और मुख्य प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि बाहरी दवा आपूर्तिकर्ताओं या छात्रों के लिए संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा लाए गए कोरियर और उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। बिना जांचे कोई भी कोरियर छात्रों तक नहीं पहुंचेगा। प्रत्येक संस्थान में हर छह महीने में एक सप्ताह तक नशा जागरूकता और नशामुक्ति शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विशेषज्ञों, चिकित्सकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा।

नशा-रोधी अधिकारी की नियुक्ति

देश के प्रत्येक विश्वविद्यालय या कालेज में रजिस्ट्रार या उसके समकक्ष अधिकारी को नशा-रोधी अधिकारी नामित किया जाएगा। तय किया गया यह अधिकारी ही पूरे अभियान की गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्टिंग करेंगे। वहीं कोई चूक अगर होती है तो वह भी इनकी ही जिम्मेदारी होगी।

Back to top button