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मध्यप्रदेश के कांग्रेस जिलाध्यक्षों का इंतजार खत्म, जल्द आने वाली है सूची, पहली सूची में कटनी शहर एवं ग्रामीण में नए अध्यक्षों समेत पांच जिलों के अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे, अन्य जिला अध्यक्षों की घोषणा भी जल्द की जाएगी

भोपाल(यशभारत.काम)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की सूची का अब ज्यादा लंबा इंतजार नही करना पड़ेगा क्योंकि म.प्र. से कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों के लिए जो नाम दिल्ली भेजे गए थे, उनकी स्कूटनी लगभग पूरी हो चुकी है जबकि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान को अपनी-अपनी रिपोर्ट सीधे तौर पर सौंप चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में नए जिलाध्यक्षों की सूची लगभग तैयार हो चुकी है। सूत्र बता रहे हैं अब हाई कमान भी जिला अध्यक्षों की घोषणा में देरी नहीं करना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यह बात पूर्व में ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जिलाध्यक्षों को इस बार संपूर्ण शक्तियों से परिपूर्ण किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन के 70 जिले
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के संगठन स्तर पर पर 70 जिले हैं। जिसमें 55 शहर और 15 ग्रामीण जिला अध्यक्ष कार्यरत रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि मप्र में कांग्रेस 25 से लेकर 30 प्रतिशत जिलाध्यक्षों को फिर से रिपीट करने वाली है जबकि बाकि के जिलों में नए अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे। व्यापक स्तर पर प्राप्त शिकायतों एवं जमीन पर निष्क्रियता के आधार पर कटनी के ग्रामीण अध्यक्ष को रिपीट नहीं किया जा रहा है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि मप्र कांग्रेस की पहली सूची में पांच जिलों के अध्यक्षों की घोषणा पहले होगी। जिन पांच जिलों की घोषणा पहले होना है, उनमें कटनी शहर एवं ग्रामीण, खंडवा शहर एवं ग्रामीण, रतलाम ग्रामीण और रायसेन जिला शामिल है। कटनी में जिला शहर एवं ग्रामीण में नए अध्यक्ष बनाया जाना तय कर लिया गया है। मप्र कांग्रेस संगठन को धार देने के लिए अब किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है, इसलिए पार्टी जल्द से जल्द सभी जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां करना चाहती है।
अगस्त में आ जाएगी पूरी सूची!
सूत्र बता रहे है कि अगस्त तक संपूर्ण सूची का आना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि नाम फाइनल हो चुके हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस ऐसे नेताओं को जिलाध्यक्ष नहीं बना रही है जो नेता विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसका मतलब यही है कि कांग्रेस में इस बार जिलाध्यक्ष उन्हीं नेताओं को बनाया जा रहा है जो पूरी तरह से केवल संगठन के लिए काम करेंगे। साथ ही कांग्रेस ने 40 से 50 वर्ष की उम्र के अध्यक्षों को ही प्राथमिकता दी है जो जमीनी स्तर पर एक्टिव रहकर लगातार कांग्रेस के मुद्दों को उठाते रहेंगे।
दिल्ली में बनी सहमति
मांडू में आयोजित कांग्रेस विधायकों के शिविर के बाद प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी सीधे दिल्ली पहुंचे थे, तीनों नेताओ ने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की थी। सूत्र बता रहे है कि इन मुलाकातों में पूरी जानकारी दी गई है, जिसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्षों की लिस्ट फाइनल मानी जा रही है।

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