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Dilip Collector Katni: नवागत कलेक्टर के सामने बाढ़ आपदा से निपटने की चुनौती

Dilip Collector Katni: नवागत कलेक्टर के सामने बाढ़ आपदा से निपटने की चुनौती

कटनी। कलेक्टर का तबादला ऐसे समय में हुआ है, जब जिले भर में भारी बारिश के कारण बाढ़ से हालात हैं। जिले के कई दूरस्थ गांव ऐसे हैं, जिनका संपर्क टूट गया है। वहीं ढीमरखेड़ा तहसील के कई गांव तो पानी में डूब गए हैं तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर कैंप बनाकर रखा गया है।

पहले जिले भर में बाढ़ के हालातों का जायजा लेना होगा

ऐसे में नवागत कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के सामने बाढ़ आपदा से निपटने की चुनौती होगी। उन्हे पहले जिले भर में बाढ़ के हालातों का जायजा लेना होगा और बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष को और अधिक दुरूस्त करना होगा।

कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील

कलेक्टर श्री यादव को नए सिरे से बाढ़ आपदा नियंत्रण के संबंध की गई तैयारियों की समीक्षा करनी होगी। जिले में स्थापित जिला कंट्रोल रूम एवं अनुभाग स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील हैं या नहीं इसकी भी निगरानी करनी होगी।

पुल-पुलिया जिनमें भारी वर्षा के दौरान जलमग्न होने की स्थिति

कंट्रोल रूम में ऐसे अधिकारी-कर्मचारी ही तैनात रहे जो बाढ़ आपदा के संबंध में भलीभांति परिचित हो और जानकारी का त्वरित आदान-प्रदान कर सके। कंट्रोल रूम में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाए। ऐसे पुल-पुलिया जिनमें भारी वर्षा के दौरान जलमग्न होने की स्थिति निर्मित होती है, उनका चिन्हांकन कराना।

स्थानीय स्तर पर अपील जारी करानी होगी

पुल-पुलिया से संबंधित निर्माण विभाग जलमग्न होने की स्थिति में तत्काल उन पुल-पुलियों में आवागमन बंद कराना। लोग एवं मवेशी जल स्रोतों के पास न जायें, इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर अपील जारी करानी होगी। होमगार्ड की टीम, बोट, रस्सी, टॉर्च, लाइफ जैकेट की स्थिति क्या है, इसका पता लगाना होगा।

स्थानीय अमला, कोटवार एवं पटवारी को हर समय सतर्क

राजस्व विभाग का स्थानीय अमला, कोटवार एवं पटवारी को हर समय सतर्क रखना होगा। पानी कम होने के उपरांत संबंधित निर्माण एजेंसी यह भी सुनिश्चित करें कि पुल-पुलिया की गुणवत्ता की स्थिति में क्या अंतर आया है, यह भी देखना होगा। लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत अंडर ब्रिज में पानी भराव की स्थिति पर भी नजर रखनी होगी।

पोषण आहार का वितरण करवाना

अतिवृष्टि होने पर यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिले के ऐसे क्षेत्रों में स्कूलों एवं आंगनबाडिय़ों का संचालन वहां की परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेकर किया जाए। जल भराव की स्थिति होने पर महिला एवं बाल विकास का अमला घर-घर जाकर पोषण आहार का वितरण करवाना सुनिश्चित करें।

सामुदायिक भवन में उनके रहने व भोजन की भी व्यवस्था

बाढ़प्रभावित क्षेत्रों में लोग न हो। उन्हें ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने की तैयारी भी पहले से हो। जनपदों की ग्राम पंचायत, सामुदायिक भवन एवं नगरीय निकायों के आश्रय स्थल व सामुदायिक भवन में उनके रहने व भोजन की भी व्यवस्था संबंधित अधिकारी पहले से सुनिश्चित करें। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला आवश्यक दवाईयों का छिड़काव सुनिश्चित करें।

 

सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। पीएचई विभाग का अमला जल स्रोतों में दवाईयों का छिड़काव करवायें। अतिवृष्टि के कारण मकानों, फसलों, मवेशियों आदि के नुकसान होने पर क्षति प्रकरण भी तैयार किये जायें। कुल मिलाकर पदभार ग्रहण करने के बाद अब नवागत कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के सामने बाढ़ आपदा से निपटने की चुनौती है। जिसका सामना वो किस प्रकार से करते हैं, यह देखना होगा।

गौरतलब है कि नवपदस्थ कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने आज गुरूवार को अपरान्ह में कटनी जिले के कलेक्टर का पदभार ग्रहण कर लिया। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारी दिलीप कुमार यादव इससे पूर्व मंदसौर जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने निवर्तमान कलेक्टर अवि प्रसाद की पदस्थापना मंत्रालय भोपाल में उपसचिव के पद पर किया है।

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