जीवनमुक्त सतगुरु बाबा माधवशाह साहिब जी का पावन प्रकाशोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया

जीवनमुक्त सतगुरु बाबा माधवशाह साहिब जी का पावन प्रकाशोत्सव भक्ति भाव से मनाया
कटनी-जीवनमुक्त सतगुरु बाबा माधवशाह साहिब जी का पावन प्रकाशोत्सव प्रेमा भक्तिभाव से मनाया गया। इस पावन पर्व में सम्मिलित होने देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुजन हरेमाधव दरबार साहिब पधारे।
जीवनमुक्त लीलाधारी सतगुरु बाबा माधवशाह साहिब जी ने अनन्त लीलाएं जीवजगत में जन कल्याण हेतु रचीं, दुख कष्ट हरे। गुरु साहिबान जी की ऐसी ही कुछ दिव्य लीलाएं चलचित्र के माध्यम से सर्व संगतों ने देखीें कि सन् 1950, विभाजन की त्रासदी के समय जब कस्बे में लोगों के पास रहने के लिए न छत थी, न खाने के लिए अनाज, भारी गरीबी थी तब आप गुरुमहाराज जी स्व अनाज की बोरियां प्रभातिवेले जनमानस के घरों के बाहर छोड़ आया करते, प्रभु साहिबानों की इन करुणामय लीलाओं के जामिन साक्षी आज नगर में रहने वाले ही कई परिवारजन हैं जो इन उपकारी लीलाओं के साक्षी हैं जो महर कृपा के दृष्टांत सुनाते हैं किस तरह सतगुरु जी ने सुखद थांव दे जीवन संवारा । और भी कई उपकारी लीलाएं चलचित्र के माध्यम से दर्शाई गईं थीं । जब सतगुरु साहिबानों ने यह सब लीलाएं रचीं पर उस समय कोई कण भी जान ना पाया, सो आज प्रभुसाहिबानों की परम भजन ज्योंत् जीवनमुक्त सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी के रूप में प्रगटोंप्रगट है, आपजी अपने भजन कंठ से लीलाएं महिमाएं भजन दृष्ट से निहार प्रकाशमय कर जनमानस के लिए भक्ति पथ ज्योर्तिमय कर रहे है।
सतगुरु जी ने अपने वचनों के दौरान फरमाया- परम प्रभु सतगुरु बाबा माधवशाह साहिब जी का प्रकाशोत्सव मनाने का भाव यह कि, परम ठाकुरों के असल स्वरूप का जीवों को ज्ञान हो, अब विराट शक्ति रूप समरथ ताकतों को प्रगट करने का, प्रकाशमय करने का परम मंगलवेला है। जीवनमुक्त सतगुरुओं के प्रकाश पर्व पर उनकी परम लीलाएं प्रकट होना अनिवार्य हैं, जिनकी हर एक लीला में, हर एक कला में अनन्त प्रकाश ही प्रकाश है।
हरे माधव गुरुमहाराज जी के प्रकाशोत्सव का यह कार्यक्रम प्रातः हरेमाधव अरदास मेरे सतगुरां हम शरण तेरी आए से आरम्भ हुआ तत्पश्चात भजन राग सद् ग्रंथ वाणियों का गायन और एल.ई.डी. पर सतगुरु उपकारी लीलाओं की प्रस्तुति संध्याकाल तक सतगुरु मेहर कृपा का दौर चलता रहा। सभी संगतें सतगुरु दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर झूम रहीं, आनन्द मग्न हो रहीं, सतगुरु बाबाजी पर बल बल जा रहीं। संपूर्ण वातावरण सतगुरु भक्ति, प्रेम और आनन्द से सरोबार रहा। प्रकाशोत्सव पर्व पर अनेक नगरों के कई श्रद्धालु गणमान्यजन प्रबुद्ध नागरिक समाजसेवी, शामिल रहे सभी ने सतगुरु महिमाओं को देखा सुना सतगुरु आशीष पायी । तत् पश्चात् सभी ने हरेमाधव ब्रम्हभोज भंडारा प्रसाद से मुख पवित्र कर, अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।
बाबा माधवशाह सेवा मंडल द्वारा कार्डधारी लगभग दो सौ निराश्रित परिवारों को मासिक खाद्यान्न के साथ बाथकिट (बाल्टी टब मघ इत्यादि) प्रदान किया गया ।