श्रीमद देवी भागवत कथा का पांचवा दिन: मन की बुराइयों को त्यागना भी किसी व्रत से कम नहीं – कथा व्यास उमेश दुबे,देवी के जयकारों से गूंज रहा रीठी, जगह-जगह हो रहे धार्मिक आयोजन

श्रीमद देवी भागवत कथा का पांचवा दिन: मन की बुराइयों को त्यागना भी किसी व्रत से कम नहीं – कथा व्यास उमेश दुबे,देवी के जयकारों से गूंज रहा रीठी, जगह-जगह हो रहे धार्मिक आयोज
कटनी-शारदेय नवरात्र के पावन अवसर पर रीठी के बस स्टैंड परिसर में बिराजमान मां जगदम्बा के भव्य पंडाल में चल रही संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा के पांचवें दिवस श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। देखा गया कि यहां कथा श्रवण करने प्रतिदिन बडी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। रीठी का बस स्टेंड परिसर इन दिनों किसी भव्य मंदिर से कम नजर नहीं आ रहा है। पूरे पंडाल को दुल्हन की तरह सजाया गया है तो वहीं कथा श्रोताओं को बैठने के लिए भी समिति द्वारा विषेश व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। पांचवे दिन शुक्रवार को कथा व्यास पंडित उमेश दुबे जी महाराज ने कहा कि मां दुर्गा की कृपा ही हर जीव का कल्याण करती हैं। देवी पुराण में मां दुर्गा की स्तुति के साथ मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन सुनने को मिलता है। धन्य है वह लोग जो मां दुर्गा की महिमा का गुणगान देवी पुराण में सुनते हैं। देवी पुराण साक्षात मां दुर्गा है। जीवन में हम चाहे व्रत करें ना करें लेकिन एक व्रत हमेशा व्यक्ति को करना चाहिए।उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति मन की बुराइयों को त्याग दे तो यह भी किसी व्रत से कम नहीं है। व्यक्ति यदि ज्ञानवान है, बुद्धिमान है तो उसे इसका उपयोग करना चाहिए। दूसरों के कल्याण के लिए अपना ज्ञान वितरण करना चाहिए। यह भी किसी व्रत से कम नहीं है। उपवास रखना ही व्रत नहीं है। मन से किए गए श्रेष्ठ कार्य भी व्रत के समान ही है। जीवन में हम यदि किसी एक संकल्प को व्रत मानकर करें तो वह भी व्रत-उपवास से कम नहीं है।
नारी के बिना जीवन की कल्पना अधूरी
कथा के दौरान मां कथा वाचक पंडित उमेश दुबे जी कहा कि अनादि काल से चली आ रही परंपरा को हमें बनाए रखना है। इस संसार में मां के बिना व्यक्ति का जीवन अस्तित्व में नहीं आता। मां ही जीव का कल्याण करती है। देवी मां की उपासना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है वहां हमेशा मां दुर्गा एवं भगवान की कृपा बनी रहती है। परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है। नारी की महिमा अपरंपार है। नारी के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। इस दौरान रामकुमार बर्मन, संस्कार माझी, शुभम पटेल, शिवप्रसाद तिवारी, उमाशंकर राय, नंदू पटेल, सीताराम पटेल, रतनचंद जैन, धर्मेंद्र राय, धम्मू रैकवार, हरीश तिवारी, डब्बू राजपूत, कन्हैया रैकवार, ब्रजेश रजक, प्रदीप सिकदार, रीतेश गुप्ता, प्रदीप कंदेले सहित बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही।
रामलीला का सुंदर मंचन देखने उमड़ रही लोगों की भीड़
नवरात्र पर्व की रीठी नगर में धूम मची हुई है। हर तरफ मातारानी के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। तो वहीं भोर होते ही विभिन्न धार्मिक आयोजन का सिलसिला भी शुरू हो जाता है जो देर रात तक चलते रहते हैं। गोल बाजार रीठी में वर्षों से चली आ रही परंपरा आज भी जीवित है। यहां हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रामलीला का सुंदर मंचन हो रहा है। शाम ढलते ही लोग रामलीला का सुंदर मंचन देखने यहां पहुंच रहे हैं। सागर से आए कलाकारों द्वारा भी रामलीला का सुंदर मंचन किया जा रहा है। इस दौरान विपिन तिवारी, राजेश कंदेले, देवेंद्र बर्मन, मीनू जैन, महेश कंदेले, विपिन जैन, कमलेश ताम्रकार, सुनील बिलैया कमलेश नामदेव,बडडे यादव, नन्हें असाटी कमलेश परोहा कमलेश साहू सुरेंद्र साहू सतीश गुप्ता सुशील गुप्ता सहित बड़ी संख्या में दर्शकों की भीड़ देर रात तक जमी रही।