PM के महाकुंभ आने के एक दिन पहले संगम नोज तक पहुंचा था आतंकी लाजर मसीह; क्या मोदी थे निशाने पर

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ–2025 में आने से एक दिन पहले यानी 4 फरवरी को आतंकी लाजर मसीह संगम नोज तक पहुंच गया था. उसकी लोकेशन संगम नोज की मिलने के बाद यूपी एसटीएफ और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ–पांव फूल गए थे. रात भर एसटीएफ और सुरक्षा एजेंसियां लाजर मसीह को खोजती रहीं, लेकिन पकड़ नहीं पाईं. लाजर मसीह को इस बात की भनक हो गई थी, कि सुरक्षा एजेंसियां उसके पीछे पड़ी हैं. लिहाजा वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा. दूसरे के मोबाइल से हॉटस्पॉट शेयर कर अपने आकाओं से बात करता रहा. पंजाब पुलिस, एसटीएफ, एसओजी और सुरक्षा एजेंसियां उसे लगातार खोजती रहीं और अंत में वह कोखराज थानाक्षेत्र में 6 फरवरी को पकड़ा गया. पकड़े जाने के बाद उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए.
5 फरवरी को पहुंचे थे पीएम मोदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी 2025 को महाकुंभ पहुंचे थे. सुरक्षा एजेंसियों को 4 फरवरी को संगम पर बब्बर खाजसा के आतंकी लाजर मसीह की लोकेशन मिली थी. लाजर मसीह की प्लानिंग महाकुंभ में आतंकी हमले की थी. वह धमाका करने आया था. काफी होशियारी और सफाई से लाजर मसीह सारे चेक प्वाइंट्स से होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचा. वहां से झलवा चौराहा, ओल्ड जीटी रोड से चौक होते हुए परेड ग्राउंड के रास्ते संगम नोज तक पहुंचा था. 4 फरवरी को उसकी लास्ट लोकेशन एयरपोर्ट की मिली थी. जब तक एसटीएफ उस तक पहुंचती, वह भागने में कामयाब हो गया. इससे पहले कि वह अपने मंसूबे में कामयाब होता कौशांबी में उसे सुरक्षा एजेंसियों ने 6 मार्च को गिरफ्तार कर लिया. वह कौशांबी और प्रयागराज की सीमा पर बनाए गए महाकुंभ के एंट्री-पॉइंट से एक किलोमीटर पहले गुफा बनाकर रह रहा था. वह रोज हैंड ग्रेनेड लेकर निकलता था, लेकिन हाई सिक्योरिटी की वजह से ब्लास्ट नहीं कर सका.
महाकुंभ की भीड़ में खोजना था मुश्किल: एजेंसियों को महाकुंभ 2025 की भीड़ में बब्बर खालसा के आतंकी लाजर मसीह को ढूंढना सबसे बड़ा टास्क था. इतनी भीड़ में उसे ढूंढने में सबसे बड़ी दिक्कत तब आई जब वह अपने मोबाइल में सिम का इस्तेमाल न करके इंटरनेट का प्रयोग करने लगा. वह किसी दूसरे के मोबाइल के हॉटस्पॉट से बात करता. जब तक सुरक्षा एजेंसियां संगम नोज पर उसके करीब पहुंच पातीं, उसने इंटरनेट बंद कर दिया. इसके बाद रात भर सुरक्षा एजेंसियां लाजर मसीह को ढूंढती रहीं, उसकी लोकेशन ट्रेस करती रहीं. जिस सख्श ने आतंकी लाजर मसीह को हॉटस्पॉट दिया था, उसके घर तक एसटीएफ रात में पहुंच गईं. वह अपने घर में सोता मिला. उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि हां एक व्यक्ति मिला था, जो बोला कि मेरा डाटा पैक खत्म हो गया है. मुझे एक अर्जेंट मैसेज करना है. क्या आप इंटरनेट दे दोगे? मैंने कहा हां ले लो. इसके बाद साथ-साथ चलते-चलते उसने 10 से 15 मिनट तक हॉटस्पॉट से नेट यूज किया. फिर हम अलग हो गए. वह कौन था, कहां गया, मुझे कुछ नहीं पता.
6 मार्च को किया गया था गिरफ्तार: बाद में लाजर मसीह को गिरफ्तार करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जब जांच शुरू की, तो सामने आया कि आतंकी पहले अमृत स्नान (14 जनवरी) से पहले ही प्रयागराज आ गया था. सुरक्षा की चाक–चौबंद व्यवस्था देखकर वह अपना ठिकाना संगम के करीब कहीं नहीं बना सका. उसने नेशनल हाईवे-2 दिल्ली-कानपुर-प्रयागराज-बनारस-हावड़ा सड़क मार्ग से 1 KM दूर कोखराज गांव के वीराने में एक मिट्टी की मांद खोदकर उसी के अंदर रहना शुरू कर दिया. यहां से निकलकर वह रेकी करता रहा. पंजाब पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर यूपी एसटीएफ और सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश करती रहीं. संगम पर प्रधानमंत्री के आने से 6 घंटे पहले ही एरिया सील कर दिया गया था. एनएसजी कमांडोज ने संगम के जिस जेटी पर प्रधामंत्री को स्नान करना था, उसे और अरैल एरिया को जल, थल और नभ से अभेद्य बना दिया था. प्रधानमंत्री के जाने के बाद लाजर मसीह की तलाश तेज कर दी गई. एजेंसियों ने 6 मार्च को उसे कौशांबी के कोखराज के पास पकड़ा.
एसटीएफ को उसकी मांद से बिस्तर, 3 ग्रेनेड, 2 डेटोनेटर और पिस्टल के साथ कुछ नक्शे मिले थे. पूछताछ में उसने बताया कि पंजाब पुलिस लगातार उसका पीछा कर रही थी. गाजियाबाद से वह अपना पासपोर्ट बनवाकर पुर्तगाल फरार होने की फिराक में था. हालांकि महाकुंभ में आतंकी हमले की योजना पर लाजर इनकार करता रहा. उसने पंजाब में पुलिस चौकियों पर ग्रेनेड से हमले की बात कबूल की. फिलहाल उसके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा भी बढ़ा दी है. एक अप्रैल को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उसे पंजाब जेल भेज दिया गया है.
IED तैयार करने में माहिर है लाजर मसीह: आतंकी लाजर मसीह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था. सूत्रों के मुताबिक वह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) तैयार करने में माहिर है. वह आईएसआई हैंडलरों से वीडियो कॉल पर विस्फोटक की जानकारी लेता था. उसके मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर भी मिले हैं. इनके माध्यम से वह लगातार आईएसआई के हैंडलरों से महाकुंभ के दौरान वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में था. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी मिली है, कि वह विदेश में बैठे कुख्यात गैंगस्टर से आतंकी बने हरप्रीत सिंह उर्फ हैपी पशियां से भी संपर्क में था.
आईएसआई के हैंडलरों के माध्यम से भारतीय सीमा में उसे ड्रोन से हथियार और हेरोइन की खेपें सप्लाई होती थीं. लाजर मसीह के पिता कुलविंदर सिंह की मौत हो चुकी है. उसका भाई पतरस मसीह भी अपराधी है. कई मामलों में राजस्थान की जेल में बंद है. यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था, अमिताभ यश का कहना है कि आतंकी लाजर मसीह के पास से जो नंबर मिले हैं उसमें से ज्यादातर देश के बाहर के हैं. जर्मनी, कनाडा, पुर्तगाल, अमेरिका और कतर में रह रहे, हैंडलर्स से संपर्क करता था. यहीं से उसे भारत में खालिस्तानी मूवमेंट को बढ़ाने और कुंभ में वारदात को अंजाम देने के लिए फंडिंग भी की जा रही थी. लाजर ने जो खुलासे किए हैं, सुरक्षा एजेंसियां उससे हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं.
पीलीभीत है आतंकियों और आईएसआई के गठजोड़ का सेंटर: उत्तर प्रदेश में खालिस्तानी आतंकियों और आईएसआई के गठजोड़ का सेंटर पीलीभीत है. 18 दिसंबर 2024 को पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के सदस्य शामिल थे. इन हमलावरों में गुरुविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह का नाम सामने आया था. 23 दिसंबर 2024 को पीलीभीत में एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में इन्हें मार गिराया था गुरदासपुर पुलिस चौकी पर हमले के लिए रवि को लाजर मसीह ने ही असलहे उपलब्ध कराए थे. इस बात का खुलासा सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ में लाजर मसीह ने खुद किया है.