Taj Mahal: ताजमहल या तेजो महालय? विवाद पहुंचा न्यायालय; अब निर्णालय का इंतजार

Taj Mahal: ताजमहल या तेजो महालय? विवाद पहुंचा न्यायालय; अब निर्णालय का इंतजार है। आगरा ताजमहल के तेजो महालय होने के दावे से संबंधित विवाद सोमवार को न्यायालय पहुंच गया। योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट और क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह की ओर से सिविल न्यायालय (सीनियर डिवीजन) में वाद प्रस्तुत किया गया।
इसमें भारतीय पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण को प्रतिवादी बनाया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद वादी को धारा 80(1) सिविल प्रकिया संहिता नोटिस की कार्यवाही पहले पूरी करने को कहा।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रतिवादी को नोटिस भेजकर दो महीने की समय सीमा के बाद दोबारा वाद दायर करेंगे। इसके पहले दायर प्रार्थना पत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा महानिदेशक नई दिल्ली, अधीक्षक आगरा सर्किल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग व पर्यटन निदेशालय द्वारा महानिदेशक पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को लखनऊ को प्रतिवादी बनाया है।
अधिवक्ता ने बताया कि बाबर की पुस्तक बाबरनामा में ताजमहल के निर्माण का उल्लेख है। जिसमें वर्तमान में ताजमहल में स्थित चारबाग (पैराडाइज गार्डन) गार्डन के निर्माण का उल्लेख चारबाग नाम से उल्लेख है। बाबरनामा में पानी के तंत्र बनाए जाने का उल्लेख है। कुआं बनाए जाने का उल्लेख है। वर्तमान में यह सभी ताजमहल में स्थित हैं। बाबरनामा में लिखा है कि बाबर को मरने के बाद आरामबाग में दफनाया गया था। जो ताज-ए-महल के विपरीत दिशा में स्थित है। हुमायूंनामा में भी ताज का उल्लेख आता है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक माधोस्वरूप वत्स ने वर्ष 1946 के एनशीएंट इंडिया के बुलेटिन में ताजमहल से संबंधित तथ्यों का वर्णन किया है। जिसमें कहा है कि ताजमहल के शिल्पकार कौन है, यह विवादित तथ्य है। वर्ष 1905 के आगरा गजेटियर में भी यह कहा गया है कि ताजमहल के शिल्पकार कौन है, यह विवादित तथ्य है। वर्ष 1910 के एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जर्नल में भी ताजमहल के निर्माण का तथ्य विवादित बताया गया है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाद में ताजमहल को तेजो महालय मंदिर बताया है। शिव सहस्त्र नाम स्रोत में तेजो नाम भोलेनाथ का है। संस्कृत में महालय का अर्थ मंदिर होता है। विश्वकर्मा प्रकाश में भी तेजोलिंग निर्माण का वर्णन है। वर्ष 1194 के राजा परमारदेव चंदेल बटेश्वर शिलालेख में भी एक फिटकरी के समान शिव मंदिर के निर्माण का उल्लेख है। ताजमहल के पश्चिमी ओर यमुना किनारे प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव मंदिर है। जो एक स्वयंभू शिवलिंग है और लाल रंग का है। ठीक उसी से सटा एक कुआं है, जिससे होकर पानी ताजमहल तक जाता था।
तेजोलिंग एक स्वयंभू शिवलिंग है जिसका अस्तित्व आदिकाल से है जिस पर मंदिर का निर्माण राजा परमाल देव चंदेल ने वर्ष 1194 में पूरा किया था। जिसका नाम मूल नाम तेजो महालय था जिसका अपभ्रंश ताजमहल है। जिस कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने आज तक वैज्ञानिक विधि से ताजमहल के भवन की आयु गणना नहीं की। सोमवार को सिविल न्यायालय सीनियर डिवीजन में सुनवाई हुई। न्यायालय ने वादी को धारा 80 (1) सिविल प्रकिया संहिता नोटिस की कार्यवाही पहले पूरी करने को कहा।