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‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: अगर आशीष मिश्र कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे तो यह स्पष्ट रूप से जमानत शर्तों का उल्लंघन

'सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: अगर आशीष मिश्र कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे तो यह स्पष्ट रूप से जमानत शर्तों का उल्लंघन

‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: अगर आशीष मिश्र कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे तो यह स्पष्ट रूप से जमानत शर्तों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी उत्तर प्रदेश में अलग अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, तो यह स्पष्ट रूप से जमानत शर्तों का उल्लंघन है।

लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी को लेकर सख्त टिप्पणी की है। अदालत का कहना है कि अगर आशीष मिश्र टेनी शारीरिक रूप से अलग अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, तो यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई आशीष मिश्र टेनी को फटकार

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे आशीष मिश्र टेनी, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले से जुड़े मुख्य आरोपियों में से एक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर आशीष मिश्र राजनीतिक कार्यक्रमों में शारीरिक रूप से शामिल हो रहे हैं, तो यह उनकी जमानत शर्तों का उल्लंघन होगा। शीर्ष अदालत ने पीड़ितों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण से अपने आरोपों को साबित करने वाला हलफनामा दाखिल करने को कहा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण भयानक घटना’ करार दिया था और आशीष मिश्र को जमानत के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा था।

पीड़ितों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने क्या कहा?

प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि आशीष मिश्र टेनी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और हाल ही में एक कार्यक्रम में साइकिल वितरित कर रहे थे। इसके जवाब में जस्टिस सूर्यकांत और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर टेनी अलग अलग कार्यक्रमों में शारीरिक रूप से उपस्थित हो रहे हैं, तो यह निश्चित रूप से जमानत का उल्लंघन है।

प्रशांत भूषण ने बताया कि मिश्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई जमानत शर्तों का उल्लघंन किया जा रहा है, जबकि वह सिर्फ मुकदमे के लिए उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने ने कहा कि आशीष मिश्र द्वारा हाल ही में उत्तर प्रदेश में साइकिल वितरित करते हुए अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया गया और इस बारे में जल्द ही हलफनामा और दस्तावेज दाखिल किए जाएंगे।

उधर आशीष मिश्र टेनी की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ दवे ने सुप्रीम कोर्ट दलील का विरोध करते हुए कहा कि कहा टेनी इतने मूर्ख नहीं हैं कि इस तरह से जमानत शर्तों का उल्लंघन करें।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह हिंसा तब भड़की थी जब किसानों द्वारा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध किया जा रहा था। इस दौरान एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन ने चार किसानों को कुचल दिया, जिसके बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई।

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