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Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी

Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी

Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी।  विकासखंड बहोरीबंद की निवासी राजकुमारी कोरी आ‍जीविका संवर्धन गतिविधियों से जुड़कर सफलता की नई कहानी लिख रहीं है। 12वीं तक शिक्षित राजकुमारी के परिवार में पति एवं एक पुत्र है। प्रारंभ में राजकुमारी की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं थी।

Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी

Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी
Success Story Of Rajkumari: BC सखी के रूप में राजकुमारी की कहानी, ₹18‑20 लाख ट्रांजेक्शन; ₹15‑16 हज़ार आमदनी

कृषि ही आजीविका का मुख्‍य साधन था। परंपरागत कृषि से आय सीमित होती थी। कई बार इस आय से घर का खर्च चलाना भी मुश्किल होता था। साथ ही संसाधनो एवं जानकारी की भी कमी थी। इस वजह से इच्‍छा होते हुए भी राजकुमारी कुछ नहीं कर पा रही थी।

राजकुमारी बताती हैं कि एक दिन मैंने गांव में आयोजित कार्यशाला में हिस्‍सा लिया। इस कार्यशाला में मुझे स्‍व-सहायता समूह के बारे में पता चला। इसके बाद मैंने कबीर स्‍व-सहायता समूह से जुड़ने का निश्‍चय किया। समूह से जुड़ने के बाद मैंने बीसी सखी का प्रशिक्षण लिया एवं समूह से 50 हजार रूपये का ऋण लेकर एमपी ऑनलाईन की दुकान प्रारंभ की। इसी तरह मैंने आजीविका मिशन की कृषि सखी की सहायता से छोटे से खेत में जैविक तरीके से सब्जियां उगाने का काम शुरू किया। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा।

इसके बाद मैंने सेंट्रल बैंक से सीसीएल की 1 लाख 50 हजार रूपये का ऋण लेकर फर्नीचर की दुकान प्रारंभ की। जो कि मेरे पति द्वारा चलाई जाती है। इन सभी गतिविधियों से मुझे कुल मिलाकर 15 से 16 हजार रूपये की मासिक आमदनी हो रही है। जिससे समाज में सम्‍मान बढ़ा है एवं बच्‍चों को भी अच्‍छी शिक्षा एवं पर‍वरिस मिल रही है।

 

 

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