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Vivek Shukla
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01/03/2025
सफलता की कहानी: ग्राम इमलिया की दुर्गा स्वसहायता समूह की दीदियां हर माह कमा रहीं 15 हजार रूपये
सरकारी मदद और उद्यमिता से समूह ने लिखी आजीविका संवर्धन की इबारत


कटनी। मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कटनी में गरीब परिवारों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोडक़र उनकी क्षमतावृद्धि करके एवं आर्थिक मदद देकर आयमूलक गतिविधियों से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में जनपद पंचायत कटनी की ग्राम इमलिया की दुर्गा स्वसहायता समूह की सदस्य दीदियों ने आत्मनिर्भरता की नजीर पेश की है। इस समूह की अध्यक्ष संतोषी कोरी है जो आज स्वयं सहायता समूह से जुडक़र खुशहाल रूप में जीवन यापन कर रही है। श्रीमती संतोषी बतातीं है कि वे स्वयं सहायता समूह से जुडऩे पूर्व खेती कर जीवन यापन करती थी। आय का सशक्त साधन न होनें के कारण इन्हें यदि अचानक किसी कार्य हेतु पैसों की जरूरत पड़ जाती थी तो उसकी व्यवस्था करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। यदि कहीं सेठ साहूकारों से पैसे ब्याज पर मिलते भी थे तो उसकी व्याज दर काफी ज्यादा होनें के कारण उसे चुका पाना संभव नहीं था। स्वयं सहायता समूह से जुडऩे के फायदे एवं समूह से लिए जाने वाली राशि को चुकानें में दिये जानें बाले ब्याज पर स्वयं का स्वामित्व होनें के फायदों को समझकर संतोषी कोरी में भी अपनें आर्थिक स्तर की 13 महिलाओं को जोडक़र महिला आजीविका स्वसहायता समूह की सदस्य बनी। सभी महिलाओं द्वारा प्रति सप्ताह 10 रूपये बचत करना प्रारंभ किया साथ ही बैंक के द्वारा प्रथम सीसीएल के माध्यम से 40 हजार रूपये की राशि प्राप्त की और धागा निर्माण हेतु उन्नत किस्म की मशीन क्रय की। इससें संतोषी कोरी द्वारा धागा निर्माण का कार्य शुरू किया गया और प्रति माह 15 हजार से 17 हजार रूपये की बिक्री शुरू की। संतोषी कोरी के द्वारा प्रथम लिंकेज की राशि चुकाते हुए पुन: द्वितीय बैंक लिंकेज के माध्यम से 50 हजार रूपये की राशि प्राप्त कर मशीन के लिए कुछ और उन्नत्त यत्रों का क्रय किया। जिससें उनके आय में और वृद्धि होने लगी। अपनें जीवन की बदलती तस्वीर देखकर संतोषी का आत्म विश्वास बढ़ता जा रहा है। समूह की अन्य महिलाये भी करीब 15 हजार रूपये प्रति माह की आय अर्जित कर रहीं है।
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