स्मार्टचिप कंपनी का आरटीओ से मोहभंग: 1 अक्टूबर से नहीं करेगी काम, वाहन पंजीयन और लाइसेंस के लिए परेशानी बढ़ेगी
स्मार्टचिप कंपनी का आरटीओ से मोहभंग: 1 अक्टूबर से नहीं करेगी काम, वाहन पंजीयन और लाइसेंस के लिए परेशानी बढ़ेगी
स्मार्टचिप कंपनी का आरटीओ से मोहभंग: 1 अक्टूबर से नहीं करेगी काम, वाहन पंजीयन और लाइसेंस के लिए परेशानी बढ़ेगी स्मार्टचिप कंपनी एक अक्टूबर से आरटीओ का काम नहीं करेगी, जिससे वाहन पंजीयन और ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों की परेशानी बढ़ सकती है। मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग ने स्मार्टचिप कंपनी से वाहनों की फिटनेस का काम छीनने का फैसला किया है, जो पहले रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड का काम भी करती थी ।
अब वाहनों की फिटनेस का काम एनआईसी से कराने की योजना है, जिससे परिवहन विभाग को यह फायदा होगा कि जिन वाहनों पर टैक्स बकाया होगा या बीमा नहीं होगा, उनको फिटनेस नहीं मिल सकेगी ।
इसके अलावा, परिवहन विभाग ने एक एप बनाया है जिसे एम परिवहन कहा जाता है, जिसमें लायसेंस, रजिस्ट्रेशन दिखाई देंगे और इसे ही मान्य किया जाएगा, जिससे फर्जी रजिस्ट्रेशन और लायसेंस कार्ड की गतिविधियों पर रोक लग सकेगी ¹।
स्मार्टचिप कंपनी का टेंडर 30 सितंबर को पूरा हो रहा है। अभी तक परिवहन विभाग ने कंपनी का काम आगे नहीं बढ़ाया है। वहीं कंपनी भी काम करना नहीं चाह रही है। वहीं नवरात्र, दशहरा, धनतेरस, दीपावली जैसे त्योहारी अवसरों पर वाहनों की बंपर बिक्री के साथ वाहन पंजीयन के आवेदन भी बढ़ेंगे। इसेसे में परेशानी बढ़ना तय है।
वर्ष 2001 से प्रदेश के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और जिला परिवहन कार्यालय(डीटीओ) में बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस व पंजीयन कार्ड प्रिंट करने काम देख रही स्मार्टचिप कंपनी के प्रदेश भर के 428 कर्मचारी एक अक्टूबर से आरटीओ-डीटीओ संबंधी काम नहीं करेंगे। दरअसल इस कंपनी का टेंडर 30 सितंबर को पूरा हो रहा है। अभी तक परिवहन विभाग ने कंपनी का काम आगे नहीं बढ़ाया है। वहीं कंपनी भी काम करना नहीं चाह रही है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी परिवहन विभाग से बकाया राशि मांग रही है। बताया जा रहा है कि करीब 70 करोड़ रुपये से अधिक राशि परिवहन विभाग को कंपनी को देना है। इस कारण कंपनी आगामी समय के लिए अपना हाथ खींच रही है। वहीं परिवहन विभाग भी स्मार्टचिप संबंधी काम के लिए नई एजेंसी की तलाश कर रहा है, लेकिन अब तक ऐसी एजेंसी नहीं मिली है जो आरटीओ व डीटीओ का ऑनलाइन काम पूरी तरह से संभाल ले।
ऐसे में परिवहन विभाग यदि 30 सितंबर के बाद यानी एक अक्टूबर से कंपनी का काम आगे नहीं बढ़ाता है तो परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों का पंजीयन कार्ड प्रिंट करने का काम बंद हो जाएगा। यहां पर यह भी गौरतलब है कि नवरात्र, दशहरा, दीपावली तक प्रदेश भर में सैकड़ों वाहनों की बिक्री होगी। ऐसे में समय पर कार्ड प्रिंट नहीं होने से लोगों की परेशानी तय है।
इस संबंध में अपर परिवहन आयुक्त उमेश जोगा का कहना है कि कोई नई एजेसी नहीं मिली है। स्मार्टचिप कंपनी के अधिकारियों से बात चल रही है। संभवत: आगामी दिनों में स्मार्टचिप को ही काम दिए जाने पर बात बन सकती है।