
Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर हुई भारत के लाल की वापसी, समंदर में लैंड हुआ GRACE।शुभांशु शुक्ला की समुद्र में लैंडिंग भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है. ग्रेस यान के साथ उनकी वापसी न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि देश के लिए प्रेरणा भी है.

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भारत का बेटा शुभांशु शुक्ला 20 दिन अंतरिक्ष में और 18 दिन अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताने के बाद आज धरती पर वापस लौट है। इसके लिए पूरे देश में प्रार्थनाओं का दौर चल रहा है। शुंभाशु शुक्ला और क्रू के अन्य सदस्यों को लेकर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का कैप्सूल मंगलवार को दोपहर करीब 3 बजे कैलिफोर्निया के समुद्र में उतरेगा। शुभांशु शुक्ला का यान सोमवार शाम करीब 4.45 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से अनडॉक हुआ।
सब कुछ सामान्य जल्द ही धरती पर होंगे शुभांशु
एक्सिओम-4 मिशन का संचालन करने वाली कंपनी एक्सिओम स्पेस ने बताया है कि अभी तक पूरी प्रक्रिया तय तरीके से चल रही है और सबकुछ सामान्य है। अब से कुछ ही मिनटों बाद शुभांशु शुक्ला और क्रू के अन्य सदस्य धरती पर समुद्र में स्प्लैशडाउन करेंगे।
शुभांशु शुक्ला के स्प्लैशडाउन को लाइव देखने के लिए शुभांशु शुक्ला के माता-पिता उनके स्कूल सिटी मॉन्टेसरी पहुंचे हैं। दोनों ने कहा कि वे इस पल का साक्षी बनने के लिए बेहद उत्साहित हैं।
जानिए क्या होती है डी-ऑर्बिट बर्न प्रक्रिया
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने डी-ऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके जरिए यान धरती के वायुमंडल में दाखिल होगा। जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद उसे धरती पर उतारा जाएगा तो उसकी गति को कम किया जाएगा। इसके लिए यान गति को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स (छोटे इंजन) को एक निश्चित समय और दिशा में दागा जाता है। इस प्रक्रिया को ही ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ कहते हैं। यह प्रक्रिया करीब 18 मिनट चलेगी।
शुभांशु शुक्ला के घर हो रहा सुंदरकांड का पाठ
शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित घर वापसी के लिए आज उनके लखनऊ स्थित घर में सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है। शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने बताया कि ‘हम शुभांशु की वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं और हमें अपने बेटे की वापसी का इंतजार है। हम उनके लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं। हम सुबह मंदिर गए और भगवान हनुमान के दर्शन किए। हमने सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। हमें गर्व है कि हमारा बेटे का नाम इतिहास में दर्ज हुआ।’