भव्य कलश यात्रा से प्रारंभ हुई श्रीरामकथा जीवो के कल्याण के लिए वाल्मीकि जी ने लिखी रामायण- स्वामी श्रीरामकृष्णाचार्य

भव्य कलश यात्रा से प्रारंभ हुई श्रीरामकथा
जीवो के कल्याण के लिए वाल्मीकि जी ने लिखी रामायण- स्वामी श्रीरामकृष्णाचार्
कटनी, श्री अखिल भारतीय सीतारामाचार्य गोष्टी, अंतर्गत श्री वेंकटेश सत्संग समिति कटनी के तत्वाधान में नौ दिवसीय श्री राम कथा का कलश यात्रा से प्रारंभ हुआ ।
कलश यात्रा सराफा बाजार से प्रारंभ होकर, सिल्वर टॉकीज, ज्वाला चक्की,गर्ग चौराहे, शहीद द्वार से कथा स्थल शंभू टॉकीज रोड पर समापन हुआ।
कलश यात्रा में 151 कलशों के साथ मातृशक्ति की अपार भीड़ रही।
संपूर्ण कलश यात्रा मार्ग में धर्मप्रेमी बंधुओ द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
सैकड़ो की संख्या में भक्तजनो द्वारा भगवान राम के सुंदर भजनों का गायन करते हुए श्रद्धा भक्ति भाव के साथ शामिल हुए ।
प्रथम दिवस कथा में व्यास पीठ पर विराजमान इटारसी से पधारे श्री श्री 1008 स्वामी श्री रामकृष्णाचार्य जी द्वारा बताया कि महाकाव्य रामायण जी का लेखन वाल्मीकि जी ने जीव कल्याण के लिए किया इस पर विस्तार से यह भी बताया गया की भगवान राम का चरित्र सभी के जीवन में प्रेरणा देने वाला एवं सुखकारी है ।
दशरथ जी की पुत्र प्राप्ति एवं प्रभु श्री राम जी के जन्म का सुंदर वर्णन कथा में किया गया।
जन्म प्रसंग पर भक्त जनों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति की गई एवं बड़े हर्ष उल्लास के साथ मिष्ठान वितरण प्रसाद वितरण किया गया।
द्वितीय दिवस कथा में विश्वामित्र जी आगमन ताड़का वध आदि चरित्र का विस्तृत वर्णन व्यास पीठ से किया जाएगा सत्संग समिति द्वारा संपूर्ण कटनी नगर की जनता से अधिक से अधिक संख्या में श्री राम कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया गया है ।







