
शिवराज सिंह चौहान की ‘मन की बात’: “एमपी में CM बदलना मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी”, जानें और क्या कहा।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को एमपी का सीएम ना बनाए जाने पर बड़ा बयान देकर सियासी पारा गर्म कर दिया है, ये कहते हुए कि एमपी में सीएम का बदलना मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी, लेकिन जब मोहन यादव का नाम तय हुआ तो मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा, जबकि 2023 में बंपर जीत के बाद रिएक्शन तो कई तरह के हो सकते थे।
शिवराज सिंह चौहान की ‘मन की बात’: “एमपी में CM बदलना मेरे लिए परीक्षा की घड़ी थी”, जानें और क्या कहा
भोपाल में किरार समाज के सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कई बार देखो परीक्षा की घड़ियां आती हैं, जब बंपर मेजॉरिटी मिली 2023 में तो हर एक को ये लगता था कि स्वभाविक रूप से सब चीजें तय हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि वो मेरी परीक्षा की घड़ी थी. तय हुआ कि मुख्यमंत्री मोहन जी होंगे. मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा।
‘दिल ने कहा शिवराज ये तेरी परीक्षा की घड़ी है’
उन्होंने कहा, अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे. गुस्सा आ सकती थी कि मैंने इतनी मेहनत की लेकिन दिल ने कहा कि शिवराज ये तेरी परीक्षा की घड़ी है, माथे पर शिकन मत आने देना. आज तू कसौटी पर कसा जा रहा है. तो ये देखिए परीक्षा होती है. उसके बाद प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में मुझे दिल्ली में काम करने का मौका मिला।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मुझे पत्रकारों ने पूछा तो मैंने कहा और क्या देती पार्टी. 4 बार मुख्यमंत्री, 6 बार सांसद, 6 बार विधायक, तो एक रिएक्शन ये होता है संयम रखना धैर्य रखना और जो काम है उसको बेहतर ढंग से करने की कोशिश करना. उन्होंने लाड़ली बहना योजना पर भी बड़ा बया दिया।
पूरे हिंदुस्तान में धूम मचा रही है लाड़ली बहना योजना
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज लाड़ली बहना योजना पूरे हिंदुस्तान में धूम मचा रही है. चुनाव जीतने का कारण बन गई है. लाड़ली बहना महाराष्ट्र में लाड़की बहना बन गई. कहीं महिला सम्मान बन गई. बिहार में तो ये योजना ऐसी चली कि आपने देख लिया क्या हो गया।
दलहन और मिशन तिलहन
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने ऑयल सीड्स और दलहन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए दलहन और तिलहन मिशन चलाया है. इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीज कैसे तैयार किए जा सकते हैं. इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से भी कहा है, सार्वजनिक क्षेत्र को भी कहा है. हमने वैज्ञानिकों की टीम भी बनाई है. ‘One Team One Task’ के तहत हम काम कर रहे हैं. मगर, मैं इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी सहयोग चाहता हूं।






