
Share Market: देख लीजिए शेयर बाजार की तबाही, 50 दिन में डूबे 50 लाख करोड़, अब तेरा क्या होगा शेयर बाजार लाइफ टाइम हाई से 10 फीसदी से ज्यादा नीचे है. जिसकी वजह से निवेशकों के बीते 50 दिनों में 50 लाख करोड़ रुपए डूब चुके हैं. वैसे इस नुकसान का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों को माना जा रहा है. जिन्होंने 50 ही दिनों में 1.16 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं. वैसे अगले 50 दिन शेयर बाजार के काफी अहम होने वाले हैं।
Share Market: देख लीजिए शेयर बाजार की तबाही, 50 दिन में डूबे 50 लाख करोड़, अब तेरा क्या होगा
दो महीने से कम समय में शेयर बाजार से 50 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए. इसका प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों की शेयर बाजार से मुनाफा वूसली है. जिन्होंने अक्टूबर और नवंबर महीने में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल लिए हैं. शेयर बाजार अपने लाइफ टाइम हाई से 9 हजार अंकों से ज्यादा डूब गया है. वहीं दूसरी ओर निफ्टी का भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आने वाले 50 दिन कैसे रहने वाले हैं? क्या अगले 50 दिनों में शेयर बाजार इस नुकसान को रिकवर कर पाएगा? क्या सेंसेक्स और निफ्टी अगले 50 दिनों में अपने लाइफ टाइम हाई से ऊपर उठकर नया रिकॉर्ड कायम कर पाएंगे?
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जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही राष्ट्रपति पद की शपथ ना ली हो
ये सवाल इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि जिस पेस के साथ विदेशी निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे, उस तेजी में कमी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही राष्ट्रपति पद की शपथ ना ली हो, लेकिन उन्होंने अपने इकोनॉमिक और पॉलिटिकल इंडिकेटर्स देने शुरू कर दिए हैं. जिससे ग्लोबल शेयर बाजार की परिस्थितियां पूरी तरह से बदल जाएंगी. चीन पर टैरिफ, डॉलर की मजबूती और भारत और चीन के आपसी ट्रेड से अमेरिका को परेशानी. ये तमाम बातें आने वाले दिनों में भारत के शेयर बाजार पर असर डालेगी. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर भारत के शेयर बाजार के लिए आने वाले 50 दिन क्यों अहम हैं?
सेंसेक्स और निफ्टी में इस दौरान बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी
शेयर बाजार की तबाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंसेक्स और निफ्टी में इस दौरान बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. जिसकी वजह से निवेशकों का 50 लाख करोड़ रुपए डूब चुका है. 27 सितंबर को जब सेंसेक्स अपने पीक यानी लाइफ टाइम हाई पर था तो बीएसई का मार्केट कैप 4,77,93,022.68 करोड़ रुपए था. जबकि 18 नवंबर को सेंसेक्स 77 हजार अंकों के नीचे पहुंच गया है और बीएसई का मार्केट कैप 4.27 लाख करोड़ रुपए के करीब है. इसका मतलब है कि इस दौरान बीएसई के मार्केट कैप से 50 लाख करोड़ रुपए खत्म हो चुके हैं. यही शेयर बाजार निवेशकों का नुकसान है.