katniमध्यप्रदेश

रानी दुर्गावती जी की 501वी जन्म जयंती पर इतिहास संकलन समिति के द्वारा तिलक कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन

रानी दुर्गावती जी की 501वी जन्म जयंती पर इतिहास संकलन समिति के द्वारा तिलक कॉलेज में संगोष्ठी का आयोज

कटनी-भारतीय इतिहास की नायिका रानी दुर्गावती जी की 501 वीं जन्म जयंती के उपलक्ष में तिलक महाविद्यालय में इतिहास संकलन समिति के माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि और प्राचार्य जी के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर आनंद सिंह राणा इतिहास संकलन समिति प्रांत उपाध्यक्ष एवं प्रांत महिला कार्य सह प्रमुख डॉक्टर सुमन यादव तिलक कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बाजपेई जी की गरिमामई उपस्थिति में कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ समस्त अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया एवं कार्यक्रम के प्रारंभ में कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बाजपेई जी ने समस्त विद्यार्थियों को संबोधित कर के इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी वाजपेई जी ने बताया कि किस तरीके से हमारे भारतीय नायक का जो मुख्य इतिहास है वह हम तक पहुंचा ही नहीं गया, हमारे जननायकों के बारे में सभी युवाओं को जानना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेने चाहिए कि किस तरीके उन्होंने अपना समस्त जीवन देश एवं समाज के उत्थान में लगाया कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ आनंद सिंह राणा जी ने रानी दुर्गावती के संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला और बताएं कि किस तरीके से गोंडवाना साम्राज्य की बागडोर रानी ने अपने हाथों में ली और अपने साम्राज्य को पुत्र स्वरूप फलीभूत किया । आगे उन्होंने बताया कि किस तरीके से रानी दुर्गावती अपने शौर्य की प्रतिमूर्ति के रूप में पूरे भारतवर्ष में जानी जाती है उनके अंदर प्रशासन करने की अभूतपूर्व क्षमता थी रानी दुर्गावती ने अपने जीवन में 52 युद्ध लड़े जिसमें से 51 युद्ध में अपनी शौर्यता के बल पर विजय हासिल की और अंत में मुगलों के विरुद्ध लड़ते हुए उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया। रानी शौर्य की प्रतिमूर्ति थी वह केवल गोंडवाना साम्राज्य हीं नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष के लिए प्रेरणा है।
डॉ माधुरी गर्ग जी के द्वारा मंच का सफल संचालन किया गया एवं कार्यक्रम की संयोजक सुश्री प्रिया जायसवाल की उपस्थिति में कार्यक्रम का सफल समापन किया गया। कार्यक्रम में समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति रही।

Back to top button