सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का बेहतर अनुपालन पर जोर; F&O, SM REITs पर भी दिया बयान

सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का बेहतर अनुपालन पर जोर : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने आज बाजार बुनियादी ढांचा के प्रतिभागियों एवं कंपनियों से विश्वास बहाली के लिए बेहतर अनुपालन का आह्वान किया।
मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) को संबोधित करते हुए सेबी प्रमुख ने अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और कम लागत वाले नवाचार करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक भी ऐसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के वायदा एवं विकल्प (F&O) श्रेणी में सट्टेबाजी को रोकने के लिए बाजार नियामक की ओर से जारी सात-सूत्री प्रस्तावों पर 6,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
सेबी की चेयरपर्सन ने कहा कि बाजार नियामक लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने के लिए व्यापक परामर्श और तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इन मानदंडों की समीक्षा करने वाली समिति के सदस्यों ने संकेत दिया है कि नियामक सितंबर में होने वाली अपनी बोर्ड बैठक से पहले इस संबंध में अंतिम परिपत्र जारी कर सकता है।
सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का बेहतर अनुपालन पर जोर : सूत्रों ने कहा कि एक्सचेंजों ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है और वे नियामक के दो प्रस्तावों के पक्ष में नहीं हैं। अदाणी मामले की जांच में कथित तौर पर हितों के टकराव का हवाला देते हुए अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा बुच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक संबोधन था। उन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से परहेज किया।
बुच ने सलाहकार फर्मों में स्वामित्व से जुड़े आरोपों या सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच ने आरोपों का खंडन करते हुए एक बयान पहले ही जारी कर चुके हैं। सेबी ने भी कहा था कि उन्होंने खुलासे किए हैं और संबंधित कंपनियां उनकी पुरानी सूची में शामिल थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक माहौल में जहां बड़ी कंपनियों एवं संस्थानों और छोटे निवेशकों के बीच ताकत का असंतुलन है, अनुपालन छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करने में मदद करता है। उन्होंने कहा, ‘हमारा अंतिम उद्देश्य यह है कि हमारे द्वारा विनियमित हरेक कंपनी में अनुपालन अपनेआप हो। यह सांस लेने जैसा है। हमें सांस लेने के लिए सोचने की जरूरत नहीं होती है।’
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लघु एवं मझोले रियल एस्टेट इन्वेस्टमें ट्रस्ट (एसएम-रीट) के जरिये रियल एस्टेट में आंशिक स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्मों को नियामक के दायरे में लाने के हालिया मानदंडों के बारे में बुच ने कहा कि उद्योग ने काफी सक्रियता से विनियमन की मांग की थी।