Sarthak App को सरकारी अस्पतालों में CMHO और डाक्टर कर रहे इग्नोर, नही लगा रहे उपस्थिति उपस्थिति

Sarthak App को सरकारी अस्पतालों में CMHO और डाक्टर कर रहे इग्नोर, नही लगा रहे उपस्थिति उपस्थिति। डाक्टरों के समय पर अस्पताल आने-जाने की निगरानी के लिए “सार्थक” एप की व्यवस्था चार माह बाद भी सिर्फ नाम के लिए चल रही है।
इसकी बड़ी वजह सीएमएचओ, सिविल सर्जन से लेकर बड़े अधिकारियों की ढिलाई है। स्वास्थ्य संचालनालय ने निगरानी की
जिम्मेदारी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) और सिविल सर्जन को दी थी, पर वह यह व्यवस्था लागू नहीं करा पाए हैं।
सीएमएचओ और सिविल सर्जन के ऊपर यह व्यवस्था लागू कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य संचालनालय में डायरेक्टर से लेकर मंत्री तक थी, पर उन्होंने भी सख्ती नहीं की। हालांकि जिला अस्पताल कटनी में भी कोई ध्यान नही दे रहा। सभी डॉक्टर मनमर्जी से आते जाते है। टाइम और एप को लेकर कोई रिएक्शन देने से भी इंकार कर दिया।
ऐसे में देर से आने-जाने वाले डाक्टरों को मौका मिल गया। कुछ डाक्टर ही सार्थक पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के सगंठन भी सार्थक एप का शुरू से विरोध कर रहे हैं। इसके पहले स्वास्थ्य विभाग में बायोमैट्रिक से उपस्थिति का प्रयास भी विफल हो गया है।