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BJP प्रवक्ता आरती साठे की हाईकोर्ट में नियुक्ति पर बवाल, NCP बोली– न्यायपालिका में घुस रही राजनीति

BJP प्रवक्ता आरती साठे की हाईकोर्ट में नियुक्ति पर बवाल, NCP बोली– न्यायपालिका में घुस रही राजनीति

BJP प्रवक्ता आरती साठे की हाईकोर्ट में नियुक्ति पर बवाल, NCP बोली– न्यायपालिका में घुस रही राजनीति। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा हाल ही में अधिवक्ता आरती साठे को बॉम्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश पर विवाद खड़ा हो गया. NCP(SP) नेता रोहित पवार का कहना है कि साठे बीजेपी से जुडी हैं और पार्टी की प्रवक्ता हैं. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में अधिवक्ता आरती साठे को बॉम्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं. NCP(SP) विधायक रोहित पवार ने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए. उनका कहना है कि जिस व्यक्ति की राजनीतिक पृष्ठभूमि हो, विशेषकर जो सत्ताधारी दल से जुड़ा हो, उसकी न्यायपालिका में नियुक्ति पर जनता को शंका हो सकती है.

बता दें कि 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अधिवक्ता साठे, अजीत भगवानराव कडेथांकर और सुशील मनोहर घोडेस्वर को बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. जिसके बाद अधिवक्ता आरती साठे के नाम को लेकर विपक्ष ने विवाद खड़ा कर दिया है.

अधिवक्ता साठे फरवरी 2023 में महाराष्ट्र बीजेपी की प्रवक्ता नियुक्त की गईं थी. हालांकि जनवरी 2024 ने साठे ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक कारणों का हवाला देते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पिछले साल 6 जनवरी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और मुंबई बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख पद से भी इस्तीफा दे दिया था.

साठे के पास एक वकील के रूप में 20 साल से भी अधिक सालों का अनुभव है. उन्होंने टैक्स मामलों, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT), सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) के समक्ष मामलों के साथ-साथ बॉम्बे हाईकोर्ट में वैवाहिक विवादों को भी निपटाया है.

रोहित पवार ने नियुक्ति पर उठाए सवाल

एनसीपी (सपा) विधायक रोहित पवार ने साठे की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए. उन्होंने एक्स पर एक स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बताया गया कि साठे बीजेपी से जुडी हैं और पार्टी की प्रवक्ता हैं. पवार ने कहा कि सार्वजनिक मंच से सत्तारूढ़ दल की वकालत करने वाले व्यक्ति की जज के रूप में नियुक्ति लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा आघात है. उन्होंने कहा कि एक जज का का पद अत्यंत जिम्मेदारी वाला होता है और निष्पक्ष होना चाहिए. पवार ने कहा कि जब सत्तारूढ़ दल से किसी को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो यह निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है.

‘चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली बन गया है’

उन्होंने कहा कि आरती साठे बीजेपी की प्रवक्ता रही हैं, वे हमेशा पार्टी की बात करती हैं, सरकार का बचाव करती हैं. ऐसे में यदि किसान, सामाजिक या सरकार विरोधी याचिकाएं उनके सामने आती हैं, तो क्या आम जनता को निष्पक्ष न्याय की उम्मीद होगी? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि आरती साठे की नियुक्ति पर रोक लगाई जाए. रोहित पवार का आरोप था कि आज का चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली बन गया है, और अब न्यायपालिका में भी राजनीतिक घुसपैठ हो रही है.

पवार ने कहा कि वह साठे की योग्यता पर आपत्ति नहीं कर रहे हैं लेकिन उन्होंने साठे के नाम की सिफारिश पर पुनर्विचार करने की करते हुए कहा कि चीफ जस्टिस को इस मामले पर मार्गदर्शन भी प्रदान करना चाहिए.BJP प्रवक्ता आरती साठे की हाईकोर्ट में नियुक्ति पर बवाल, NCP बोली– न्यायपालिका में घुस रही राजनीति

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