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रेलवे स्टेशन पर मानवता शर्मसार: विकलांग विनय तिवारी को आरपीएफ जवान ने बेरहमी से पीटा, गंभीर रूप से घायल

रेलवे स्टेशन पर मानवता शर्मसार: विकलांग विनय तिवारी को आरपीएफ जवान ने बेरहमी से पीटा, गंभीर रूप से घाय

कटनी रेलवे स्टेशन पर एक बेहद अमानवीय और शर्मनाक घटना सामने आई है। विकलांग और गरीब गुटका विक्रेता विनय तिवारी, जो सतना से कटनी तक ट्रेनों में गुटका बेचकर अपने परिवार का पेट पालते हैं, उन्हें रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान मोहम्मद मंसूरी ने सिर्फ 500 रुपये की अवैध वसूली के लिए बुरी तरह पीट डाला।
रात करीब 1:30 बजे जब विनय तिवारी प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर ट्रेन से उतरे, तब नशे में धुत्त आरपीएफ जवान मोहम्मद मंसूरी ने उन्हें रोका और 500 रुपये की रिश्वत की मांग की। जब विनय तिवारी ने पैसे देने से इनकार किया, तो उनकी कॉलर पकड़कर उन्हें घसीटा गया, और पार्सल कर्मचारियों को बुलाकर उन्हें मारने का आदेश दिया गया।

इसके बाद उन्हें इतना पीटा गया कि सिर में गंभीर चोटें आईं, और उनका शरीर खून से लथपथ हो गया। पीड़ित घंटों तक घायल अवस्था में वहीं पड़े रहे। आखिरकार जीआरपी के कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

एफआईआर दर्ज, न्याय की मांग

इलाज के बाद विनय तिवारी ने कटनी जीआरपी थाने पहुँचकर आरपीएफ जवान मोहम्मद मंसूरी और पार्सल विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने मीडिया से कहा मैं एक विकलांग और गरीब आदमी हूं। ट्रेन में गुटका बेचकर परिवार पालता हूं। मुझसे 500 रुपये की अवैध वसूली करने की कोशिश की गई और न देने पर मुझे बेरहमी से पीटा गया। मेरी पुकार प्रधानमंत्री मोदी जी तक पहुंचे और ऐसे दरिंदों पर कार्रवाई हो l

प्रशासन और सरकार से सवाल:

क्या आरपीएफ की वर्दी अब गरीबों पर जुल्म ढाने का हथियार बन गई है क्या एक विकलांग नागरिक की पीड़ा सुनने के लिए भी कोई व्यवस्था हैक्या दोषी जवान को तत्काल निलंबित और गिरफ्तार किया जाएगा यह मामला केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो आम नागरिक कहां जाए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मानवाधिकार आयोग से अपेक्षा है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।

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