कटनी। रंगनाथ नगर थाना अंतर्गत उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह में शासकीय स्कूल के बाजू से स्थित खेरमाता मंदिर की जमीन पर कब्जे का विरोध करना अधिवक्ता को महंगा पड़ गया। यहां कब्जे का प्रयास कर रहे मां-बेटे विरोध कर रहे अधिवक्ता से उलझ पड़े और इसी दौरान बेटा अधिवक्ता के हाथ की एक उंगली ही मुंह में डालकर चबा डाला।
जिसके कारण अधिवक्ता के एक हाथ उंगली कट गई। उंगली से खून की धार निकली तो अधिवक्ता को तत्काल रंगनाथ नगर थाने तथा बाद में मुलाहिजा के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मां व बेटे के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है। इस संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह स्थित शासकीय स्कूल के बाजू से खेरमाता मंदिर है। जिसके बाजू से मंगलनगर के किसी राय परिवार का भी एक प्लाट है।
बताया जाता है कि गतदिवस राय परिवार से शीला राय व उनका बेटा उत्सव राय प्लाट की हदबंदी करने के लिए मजदूर लेकर पहुंचे और हदबंदी करते हुए दोनों खेरमाता मंदिर की जमीन के कुछ हिस्से को भी प्लाट के अंदर करके पीलर गाडऩे लगे। इसकी जानकारी लगने के बाद अधिवक्ता मनीष शुक्ला, कृपाशंकर शुक्ला, रजनीश शुक्ला व अंकित ठाकुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने खेरमाता मंदिर की जमीन पर प्लाट की हदबंदी के लिए किए गए गड्ढे का विरोध किया।
इस दौरान बातचीत करते हुए शीला राय व उसका बेटा उत्सव अधिवक्ता मनीष शुक्ला से उलझ पड़ा और गाली गलौज करते हुए उनके एक हाथ की उंगली मुंह में डालकर चबा गया। उंगली से खून की धार निकलने पर अधिवक्ता मनीष शुक्ला तत्काल रंगनाथ थाने तथा वहां से जिला अस्पताल गए। जहां उनका उपचार किया गया। पुलिस ने इस मामले में अधिवक्ता मनीष शुक्ला की शिकायत पर आरोपी शीला राय व उसके बेटे उत्सव राय के विरूद्ध धारा 294, 323, 324, 506, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का यह भी कहना है कि इस मामले में एक्सरे रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के विरूद्ध धारा 326 और बढ़ाई जाएगी।
कलेक्टर, एसपी व एसडीएम से सीमांकन कराए जाने की मांग
इस मामले में पीडि़त अधिवक्ता मनीष शुक्ला ने कलेक्टर अवि प्रसाद, पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन व एसडीएम प्रदीप मिश्रा का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए खेरमाता मंदिर की जमीन सहित आरोपी पक्ष के प्लाट की जमीन का सीमांकन कराए जाने की मांग की है क्योंकि इस घटना के बाद से क्षेत्रवासियों में आक्रोश है तथा खेरमाता मंदिर की जमीन पर किसी प्रकार का कब्जा आदि होने पर क्षेत्र के लोग धरना, प्रदर्शन व आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।