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प्रसूता को नहीं मिला जिला अस्पताल में स्ट्रेचर, परिजनों के सहारे OPD तक पहुँची

प्रसूता को नहीं मिला जिला अस्पताल में स्ट्रेचर, परिजनों के सहारे OPD तक पहुँची

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कटनी। शासकीय जिला अस्पताल में गंभीर अवस्था पहुँचने वाले मरीजों और दुर्घटना में घायल लोगों को ओपीडी तक पहुँचाने के लिए वार्ड ब्वाय नहीं मिलते ऐसा नही कि यहां वार्ड ब्वाय नियुक्त नहीं है।

नियुक्ति तो है पर काम पर सिर्फ 2 से 3 ही पहुँचते। हद तो तब हो गई जब एक प्रसूता जो शाहनगर पन्ना से जिला अस्पताल कटनी रेफर होकर पहुँची थी। लेकिन यहां पहुँचने के बाद करीब 10 मिनट वह अपने परिजनों के सहारे 108 एबुलेंस के बाहर ही खड़ी रही।

अंततः उसे अपने परिजनों का सहारा लेकर ही ओपीडी तक जाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक शाहनगर पन्ना के शाहनगरपुरा निवासी साधना पति मनीष पटेल को डिलेवरी के बाद गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल कटनी रेफर किया गया था। यहां पहुँचने के बाद उसे ना ही व्हील चेयर मुहैया हुई और ना ही कोई वार्ड ब्वाय स्ट्रेचर लेकर अंदर से आया। इंतजार के बाद उसे परिजन ही सहारा देकर ओपीडी के अंदर ले गए।

यह सब उस समय घटित हुआ जब कलेक्टर अवि प्रसाद सोमवार शाम जिला अस्पताल परिसर में संचालित मातृ व शिशु परिचर्या परिसर के अंदर प्रसूताओं को मिलने वाली सुविधाओ का स्वयं जायजा लेने पहुँचे थे। कलेक्टर द्वारा हर सम्भव प्रयास प्रसूताओं को मिलने वाली सुविधाओं के लिए किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाए दुरुस्त करने में नाकाम नजर आ रहा है। जिसका खामियाजा अस्पताल पहुँचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भोगना पड़ता है। जिस एबुलेंस से प्रसूता जिला अस्पताल पहुँची थी उस एबुलेंस में तैनात कर्मचारी ने भी एबुलेंस में रखी व्हील चेयर उठाने की जहमत नहीं उठाई। और पूछने पर बहाना बनाते नजर आया।

 

Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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