पीएनबी धोखाधड़ी मामला: मेहुल चोकसी को अदालत से बड़ा झटका लगा है। हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है. उसे ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की ईडी की याचिका को खारिज करने की मांग की है. इसके लिए विशेष पीएमएलए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी है. ये घोटाला साल 2018 में सामने आया था. इसमें चोकसी के साथ ही उसका भांजा नीरव मोदी भी आरोपी है।
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मेहुल चोकसी ने कोर्ट से ईडी की याचिका को रद्द करने की अपील की है. तर्क दिया है कि एजेंसी ने इस विषय से जुड़ी सामग्री और आधारों के संबंध में उन दलीलों में बार-बार रुख बदला है, जिनके आधार पर दावा करती है कि घोटाले के आरोपी को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया जाना चाहिए.
मेहुल चोकसी को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया जाए
ईडी चाहती है कि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए. इसके साथ ही उसकी संपत्ति जब्त की जाए. इसी महीने चोकसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में याचिका दायर की है. इसमें चोकसी ने ईडी की कई दलीलों और जवाबों का हवाला दिया. इसमें कहा है कि उसके बयान विरोधाभासी हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी.
13 हजार 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप
मेहुल चोकसी और नीरव मोदी को ईडी और सीबीआई द्वारा पीएनबी के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से 13 हजार 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में वांछित माना जा रहा है।
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ईडी ने विशेष अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि समन से बचने के कारण चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत उसकी संपत्ति जब्त की जाए. नीरव मोदी को पहले ही भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है. वह 2019 से लंदन की जेल में है.