सीमांकन कार्यवाही में मृतकों- सरहदी किसानों के हो गये फर्जी हस्ताक्षर, मृतकों की उपस्थिति में पटवारी दान सिंह ने किया सीमांकन, शिकायतकर्ता ने आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने सौंपी शिकायत

कटनी(यशभारत.काम)। जिले की ढीमरखेड़ा ही ऐसी तहसील है जहां पर सब संभव है। यहां पर मुर्दा भी आकर हस्ताक्षर कर देते हैं। इस तहसील में आदिवासियों की भूमि कलेक्टर की अनुमति के बिना धड़ल्ले से विक्रय हो रही है और उसमें नामांतरण की कार्यवाही भी राजस्व अमला कर रहा है। चूंकि पटवारियों और दोषी संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं होने के कारण उनके हौसले बुलंद है। इसी तरह का और मामला संज्ञान में आया है जहां पर मुख्यालय हल्का पटवारी दान सिंह के द्वारा विधि विरूद्ध रूप से नाले में सीमांकन की कार्यवाही की गई और कई व्यक्तियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाये गये। इसके साथ ही दो-तीन वर्ष पहले मृत हुये तीन व्यक्तियों के भी खुद हस्ताक्षर बना दिये गये है। इस बात का खुलासा जब सरहदी किसानों को हुआ तब इनके द्वारा इस संबंध में तहकीकात की गई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जब सीमांकन की कार्यवाही की गई इस दौरान किसी भी सरहदी किसानों को सूचना नहीं दी गई। जबकि म.प्र.भू-राजस्व संहिता में यह स्पष्ट प्रावधान दिये गये है कि सीमांकन की कार्यवाही बिना सरहदी किसानों को सूचित किये बिना नहीं की जा सकती है। बिना सूचना के किया गया सीमांकन प्रारंभ से ही शून्य है। पटवारी दान सिंह के द्वारा सरहदी किसानों को सूचित किये बिना ही उनकी गैर मौजूदगी में सीमांकन की कार्यवाही की गई और सरहदी किसानों सहित तीन मृतकों के भी फर्जी हस्ताक्षर बना लिये गये है। इस संबंध में शिकायतकर्ता के द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को शिकायत सौंपकर पटवारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की गई है, चूंकि पटवारी के द्वारा किया गया कृत्य आपराधिक कार्य की श्रेणी में आता है।
ये है मामला
शिकायतकर्ता विवेक निधि रजक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन उपाध्यक्ष ढीमरखेड़ा ने बताया कि 25 मई 2025 को जमुना बाई पति गणेश राय ढीमरखेड़ा स्थित भूमि खसरा नंबर 141/3 रकबा 0.22 हेक्टेयर भूमि में से 1090 वर्ग फुट का सीमांकन हेतु खसरा नंबर 141/5 रकवा 0.01 हेक्टर शासकीय भू जल नाला पर निर्मित मकान का सीमांकन हल्का पटवारी के द्वारा किया गया। बगैर किसानों को सूचना दिए सीमांकन किया गया मुख्यालय पटवारी द्वारा सभी किसानों की स्वयं फर्जी हस्ताक्षर कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, शिकायतकर्ता द्वारा जब राजस्व प्रकरण क्रमांक /0069/ अ -12/2025-26 की नकल निकलवाई गई तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पटवारी के द्वारा सीमांकन कार्यवाही में मृत जगदीश और सुरेश के हस्ताक्षर बना लिये गये है जबकि इनका निधन हो चुका है। इसी तरह से पटवारी के द्वारा सरहदी किसान मुकेश, कमलेश, प्रतिभा, जनमेजय रजक के भी फर्जी हस्ताक्षर बनाये गये है। सीमांकन की त्रुटिपूर्ण कार्यवाही करते हुये जमुना राय को भूमिस्वामी घोषित कर दिया गया है।
पैसा दो और करो बेजा कब्जा
पटवारी दान सिंह की कारसतानी यही तक सीमित नहीं है, इसके द्वारा मौजा ढीमरखेड़ा स्थित शासकीय भू जल नाला के खसरा नंबर 78, 262, 324, 407 ,867 ,794 ,97, 141/5 में कई लोगों के बेजा कब्जा करवाये गये है। किसी के द्वारा यदि इस संबंध में शिकायत की जाती है तो पटवारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती और फर्जी प्रतिवेदन न्यायालय को सौंप दिया जाता है।