राजस्व अधिकारियों का विभाजन: नाराज तहसीलदार नायब तहसीलदारो ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

राजस्व अधिकारियों का विभाजन: नाराज तहसीलदार नायब तहसीलदारो ने कलेक्टर को सौपा ज्ञाप
कटनी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व अधिकारियों को न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यपालक मजिस्ट्रेटों में विभाजित करने की नई योजना ने प्रदेश भर के प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस विभाजनकारी फैसले के विरोध में, मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की कटनी जिला इकाई ने मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन के नाम कटनी कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें इस आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह योजना न केवल उनके मूल कार्यों को प्रभावित कर रही है, बल्कि इससे उनके मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि जब यह योजना पहली बार प्रस्तावित की गई थी, तब संघ अधिकारियों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उस समय उन्हें मौखिक रूप से यह आश्वासन दिया गया था कि इस योजना को केवल 12 जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यह भी कहा गया था कि राजस्व न्यायालयों का विलय नहीं किया जाएगा और गैर-न्यायिक अधिकारियों को काम करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन आश्वासनों के बाद, अधिकारियों ने अपना विरोध अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था।
लेकिन, अधिकारियों का आरोप है कि सरकार ने अपने आश्वासन का पालन नहीं किया। इसके विपरीत, इस योजना को अब 9 और जिलों धार, भिंड, खरगौन, बालाघाट, मंदसौर, देवास, कटनी, मंडला, और रीवा में भी लागू कर दिया गया है। इस विस्तार के साथ ही, कई राजस्व न्यायालयों को आपस में मिला दिया गया है, जिससे अधिकारियों पर काम का बोझ काफी बढ़ गया है। इस के अलावा गैर-न्यायिक अधिकारियों को उनके कार्यों के लिए जरूरी स्टाफ और अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि यह विभाजनकारी योजना उन्हें उनके मूल राजस्व कार्यों से दूर कर रही है।
ज्ञापन के माध्यम से राजस्व अधिकारियों ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि इस विभाजनकारी योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।अधिकारियों को उनके मूल राजस्व कार्यों से अलग करने वाले सभी आदेशों को वापस लिया जाए।
ज्ञापन देने आए अधिकारी ने बताया कि अगर हमारी मानगो पर ध्यान नही दिया जाता है तो 6 अगस्त से सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर एवं एएसएलआर अपने शासकीय वाहन और डिजिटल सिग्नेचर जिला मुख्यालय में जमा करते हुए सभी शासकीय व्हाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट रहेंगे और अनिश्चितकाल तक सभी प्रकार के कार्यों से विरत रहते हुए जिला मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे।