कन्या महाविद्यालय में गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर व्याख्यानमाला का आयोजन

कन्या महाविद्यालय में गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व पर व्याख्यानमाला का आयोज
कटनी- शासकीय कन्या महाविद्यालय, कटनी के भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा 24 जुलाई को सभागार में उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जुलाई माह की गतिविधियों के अंतर्गत “गुरु-शिष्य परंपरा” विषय पर एक विशेष व्याख्यानमाला आयोजित की गयी । कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. चित्रा प्रभात के मार्गदर्शन में मां सरस्वती की आराधना एवं अतिथियो के स्वागत गीत के साथ हुआ ।
प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु-शिष्य संबंधों की परंपरा प्राचीन है उन्होंने उपस्थित छात्राओं को इस पवित्र परंपरा से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुरु न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि शिष्य के जीवन को नैतिकता और संस्कारों से समृद्ध करते हैं।
प्रजापति ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कटनी से बहन लक्ष्मी जी ने धौम्य-आरूणि की कथा से अपने विचार प्रारंभ करते हुए कहा कि आज व्यक्ति के मनमस्तिष्क में विकृति आ गयी है । सभी को जीवन जीने का अधिकार है , लेकिन अपने संस्कारों, विचारों को परिष्कृत करके । उन्होने छात्राओं को यह सोचने के लिए कहा कि घर-परिवार, परिवेश-समाज, देश-प्रदेश से जो ग्रहण कर रहे है उसे भावी पीढ़ियों में संचार करना है ।
विशेष वक्ता के रूप में विनोद कुमार साहू ने कहा कि आज की शिक्षा का व्यावसायीकरण किया जा रहा है । परिणामस्वरूप विद्यार्थी अच्छे संस्कारों से वंचित हो रहे है । उन्होने आगे कहा कि कहा जाता है संस्कार से संसार बदल सकते हैं । इसके लिए मन की शक्ति को पहचानना बहुत जरूरी है । बिना शिक्षा के सफलता पाना मुश्किल है । और शिक्षा के लिए विनम्रता जरूरी होती है। शिवम मिश्रा ने गीत के माध्यम से गुरू की महिमा का वर्णन किया साथ ही अंधकारमय जीवन को प्रकाशमय बनाने के लिए प्रार्थना की । इस अवसर पर महाविद्यालय में अध्ययनरत् सृष्टि शुक्ला, प्रिया रजक, हेमलता परौहा ने सरस्वती वंदना और रिमी तिवारी, भूमि बैरागी, ईशा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. संजयकांत भारद्वाज एवं श्री पंकज सेन ने आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम में श्री भीम बर्मन ने तकनीकी सहयोग दिया । कार्यक्रम के दौरान भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. सांधना जैन, सह संयोजक डॉ. विमला मिंज के अतिरिक्त डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, डॉ. अमिताभ पाण्डेय, डॉ. किरण खरादी, डॉ. रोशनी पाण्डेय, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. के.जी. सिंह, प्रियंका सोनी समस्त स्टॉफ एवं छात्राओ की उपस्थिति रही ।