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9 Nov 2024, Sat

OMG खबर पढ़ कर सिर पकड़ लेंगे आप, 29 में से 15 शिक्षक शराब पीकर आते, 8 दो पत्नियों वाले, 8 सालों से गायब, एक तो कलेक्टर से ही भिड़ गए था, जनिए कहां हो रहा ये सब

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MP अजब है सबसे खजब है…आप भी खबर सुनेंगे तो जरूर सिर पकड़ लेंगे। खबर के बाद सचमुच यह दिख रहा कि एमपी अजब है सबसे गजब है। यह खबर डिंडौरी की है जहां शिक्षा के मंदिर के पुजारी अर्थात शिक्षकों के बारे में जो खबर है वह आवाक करने वाली है। एक विभागीय जानकारी में पता लगा कि जिले के स्कूलों में शिक्षक शिक्षा दे रहे हों या नही पर बच्चों को जो संस्कार परोस रहे हैं वह बेहद निंदनीय है।

डिंडौरी जिले में 15 शराबी हैं, मतलब अक्सर वह शराब के नशे नें स्कूल आते हैं। 8 ऐसे शिक्षक हैं जिनकी दो पत्नियां हैं।  एक शिक्षक 18 साल से लापता फिर भी तनख्वाह ले रहा

डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षक के बारे में यह दावा yashbhrat.com के नहीं बल्कि खुद जिम्मेदार अफसरों ने ही इसका खुलासा किया है। मेहदवानी ब्लॉक से शिक्षकों की लगातार शिकायत मिलने के बाद आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए थे। जांच की जो रिपोर्ट सामने आई है वो चौंकाने वाली भी है और आदिवासी बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंता बढ़ाने वाली भी।

सोमवार को मेहदवानी ब्लाॅक से जो सहायक आयुक्त के पास जो लिस्ट भेजी गई है उसमें 15 शिक्षक शराबी, 8 दो पत्नियों वाले बताए गए हैं। इतना ही नहीं कई शिक्षक सालों से लापता हैं। उनका पता न ब्लॉक के जिम्मेदार अफसरों को है न उन स्कूलों के जिम्मेदारों को और न शीर्ष पर बैठे अफसरों को। हैरानी की बात ये है कि बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों के नाम से फिर भी राशि आहरित हो रही है। यानी तनख्वाह पूरी पा रहे हैं।

बैठक में बीईओ को निर्देश देकर सहायक आयुक्त ने मंगाई जानकारी

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सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने 28 जून को सात ब्लाॅक के शिक्षा अधिकारियों की बैठक ले कर स्कूलों में शराबी शिक्षक और दो पत्नियों वाले शिक्षक, लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की जानकारी मंगाई गई थी।

खितौली प्राथमिक पाठशाला में पदस्थ शिक्षक गेंद सिंह तेकाम एक साल पहले सड़क पर पाए गए। लोगों ने उन्हें पहचाना और टोका तो लड़खड़ाते हुए स्कूल गए। ये मामला पिछले शैक्षणिक सत्र का है।

29 में से 15 शराबी शिक्षक, 8 दो पत्नियों वाले 8 गायब ले रहे पगार

बहादुर सिंह मरकाम प्राथमिक शाला ग्वारी टोला, मोहन सिंह मरावी, भद्दे सिंह मरावी, सरजू परते, भारत सिंह मरकाम, संदीप धुर्वे, श्याम सिंह परते, लाल साय मरावी, लक्ष्मी चंद मरावी, लोक सिंह, सुरेश सिंह मरावी ये शराबी शिक्षक हैं।

दो पत्नी वाले खेतू सिंह मरावी, चंद्र कांत मसराम, बेनी प्रसाद तुमरली, गेंद सिंह यूके, गोविंद दास, जिंदा राम परस्ते, सुरेश कुमार नंदा, लाल सिंह धुर्वे हैं। हालांकि सर्विस रिकॉर्ड में एक ही पत्नी का नाम हो सकता है इसलिए ऑन रिकॉर्ड इनकी एक ही पत्नी है लेकिन जो जानकारी जमीनी स्तर से सहायक आयुक्त तक भेजी गई है उसमें इनकी दो पत्नियों का जिक्र है। अनुपस्थित रहने वाले मेवा लाल भारतीय, अर्जुन सिंह धुर्वे, रविंद्र मसराम, प्रदीप कुमार मार्को, नवल सिंह भारतीय, अर्जुन सिंह टेकाम, सोमनाथ भवेदी, सकल सिंह पेंड्रो, मुकेश रघुवंशी हैं। इनमें मेवा लाल वर्ष 2005 से ही गैर हाजिर हैं। वहीं बाकी के शिक्षक भी पांच साल से ज्यादा वक्त गुजर चुके हैं लेकिन स्कूल नहीं गए।

बीईओ ने फोन पर माफी भी मांगी

मेहदवानी विकासखंड शिक्षा अधिकारी एचएस मसराम द्वारा जारी की गई शिक्षकों की लिस्ट में राई छात्रावास में पदस्थ शिक्षिका संध्या वैयाम के दो पतियों की जानकारी देने की जानकारी जैसे ही शिक्षिका को लगी तो उन्होंने फोन लगाया। इस पर बीईओ ने लिपकीय त्रुटि बताकर माफी मांग ली और लिस्ट सुधार कर भेजने की बात कही।

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शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने बताया कि लगातार शिक्षकों के स्कूलों से अनुपस्थित रहने की जानकारी आती रही है। इसलिए सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों को लिस्ट भेजने के लिए निर्देश दिया गया था। लिस्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

एक शराबी शिक्षक तो कलेक्टर को चमका चुका

करीब दो साल पहले इसी जिले में कलेक्टर विकास मिश्रा एक दिन बजाग जनपद मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में पहुंचे थे। यहां एक शराबी शिक्षक ने सातवें वेतनमान का एरियर नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं तो घर से सोचकर ही कलेक्टर को मारने आया था। रविवार का दिन है और मैं आदिवासी समाज से हूं। शिक्षक नशे में धुत था। कलेक्टर ने उसकी बात सुनी और उसे सांत्वना देकर लौटा दिया। जैसे तैसे उसे भीड़ ने भी समझाकर अलग किया। कलेक्टर विकास मिश्रा ने शराब के नशे में बदसलूकी कर रहे शिक्षक विजय भारवे को समझाया तब जाकर कहीं वह शांत हुआ।

उधर समनापुर के एकीकृत माध्यमिक शाला में एक हेड मास्टर शराब पीकर स्कूल पहुंचा और बच्चों को पीटने लगा। साथ ही वो ये कहते भी जा रहा था कि अब तुम्हारा स्कूल मॉडल स्कूल बनने वाला है इसलिए ठीक से पढ़ना होगा। रोज स्कूल आना होगा। ये घटना पिछले शैक्षणिक सत्र की है।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम