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OMG हेराफेरी फ़िल्म भी फेल: फर्जी स्तीफ़ा और साइन बना के डायरेक्टर्स को ही कम्पनी से हटा दिया फिर बैंक से FD तोड़ किया करोड़ों का घोटाला, प्रकरण दर्ज पर मुख्य सरग़ना रायपुर निवासी महेंद्र गोयनका का FIR से नाम ग़ायब!

OMG हेराफेरी फ़िल्म भी फेल: फर्जी स्तीफ़ा और साइन बना के डायरेक्टर्स को कम्पनी से हटाया फिर बैंक से करोड़ों रुपए की FD तोड़ किया करोड़ों का घोटाला, FIR दर्ज पर मुख्य सरग़ना रायपुर निवासी महेंद्र गोयनका का FIR से नाम ग़ायब!

कटनी/जबलपुर। जिले में हेराफेरी करने का ऐसा मामला सामने आया है जिसके आगे कोई फ़िल्म की स्टोरी भी फेल है। यहां एक कम्पनी में फ़र्ज़ी स्तीफ़ा और साइन बना के डायरेक्टर्स को ही कम्पनी से हटा कर बैंक से करोड़ों रुपए की एफ़डी तोड़  करोड़ों का घोटाला किया आज पुलिस ने FIR दर्ज तो की पर एफआईआर दर्ज कराने वालों का आरोप है कि इस पूरे हेरफेर में मुख्य सरग़ना रायपुर निवासी महेन्द्र गोएनका का नाम गायब है। आइए जानते हैं पूरा मामला…

फर्जी कागज तैयार कर कंपनी के दो डायरेक्टर्स को हटाया, चार लोगों पर केस दर्ज सरगना महेंद्र गोयनका ने रची गोलमाल की कहानी!

मिली जानकारी के मुताबिक लौह अयस्क कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक के कर्ता धर्ताओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कंपनी से दो डायरेक्टर्स को बाहर कर दिया। जब दोनों को इसकी खबर लगी तो उन्होंने गोलमाल करने वाले कंपनी के चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है।

इनमें तीन डायरेक्टर और एक कंपनी सेक्रेटरी शामिल है। फर्जी तरह से हटाए गए डायरेक्टर्स सुरेंद्र सलूजा एवं हरनीत सिंह लांबा ने आरोप लगाया कि गोलमाल के मुख्य सरगना महेंद्र गोयनका को पुलिस बचा रही है। यही कारण है कूट रचना में शामिल गोयनका के खिलाफ मामला दर्ज नही किया। पुलिस ने गोयनका के प्यादों के खिलाफ मामला पंजीकृत कर लिया। सलूजा एवम लांबा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुख्य सरगना महेंद्र गोयनका एवम उसके साथियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

आपको बता दें कि मामला जबलपुर जिले का है। यहां सिहोरा के हरगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री में सुरेंद्र सिंह सलूजा और हरनीत सिंह लांबा डायरेक्टर हैं। दोनों को कंपनी के चार लोगों ने मिलीभगत कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर कर दिया है। अब सलूजा ने कटनी कोतवाली और लांबा ने अपने साथ हुए धोखे की माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

समझिए पूरा मामला

सुरेंद्र सिंह सलूजा ने बताया कि वे मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड में वर्ष 2018 में डायरेक्टर बने थे। यह कंपनी लौह अयस्क यानी आयरन ओर का काम करती है। सलूजा ने कंपनी में रुपए भी इन्वेस्ट किए हैं। बकौल सलूजा, शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। कंपनी अच्छे से रन हो रही थी। हाल ही के दिनों में उन्हें पता चला कि कंपनी में मनमानी होने लगी। डायरेक्टर्स को भरोसे में लिए बिना ही लौह अयस्क बेचे जाने लगे। इसे लेकर उन्होंने जबलपुर कलेक्टर से शिकायत की। जब इस मामले की सुनवाई हुई तो कलेक्टर ने सलूजा को बुलाया। जब वे पहुंचे और अपना परिचय दिया तो पास में खड़े वकील ने उन्हें बताया कि वे अब कंपनी में डायरेक्टर नहीं हैं। यह सुनकर सलूजा को विश्वास ही नहीं हुआ। पुख्ता जानकारी लेने के लिए उन्होंने CA से संपर्क किया पर उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की।

धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस

जब सलूजा को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ तो उन्होंने कटनी कोतवाली थाना पहुंचकर कंपनी के डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव, डायरेक्टर सनमति जैन, डायरेक्टर सुनील अग्रवाल और कंपनी सेक्रेटरी लाची मित्तल के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में चारों पर धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

ये तो गजब है फर्जी इस्तीफा और साइन बनाकर की कूटरचना

फ़र्ज़ी स्तीफ़ा और साइन बना के डायरेक्टर्स को कम्पनी से हटा कर बैंक से करोड़ों रुपए की एफ़डी तोड़ी और कंपनी में किया करोड़ों का घोटाला.. FIR दर्ज, मुख्य सरग़ना रायपुर निवासी महेन्द्र गोएनका का नाम एफआईआर से ग़ायब कर दिया।

दूसरे डायरेक्टर के साथ भी ऐसा ही हुआ

ये तो हुई कहानी सलूजा की। इस मामले के दूसरे पीड़ित हैं हरनीत सिंह लांबा। उनके साथ भी सलूजा जैसा ही सलूक हुआ है। आरोप है कि हिमांशु श्रीवास्तव, सनमति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से बाहर कर दिया। लांबा ने कटनी के ही माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर है।

गोयनका के खिलाफ मिली है शिकायत:

कटनी एसपी अभिजीत रंजन ने बताया कि महेंद्र गोयनका के खिलाफ शिकायत मिली है। गोयनका की भूमिका की जांच कराई जा रही है। फर्जीवाड़े में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे है, विधिक कार्यवाही की जाएगी।

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