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अधिकारी सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा

अधिकारी सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा

ललियाना। अधिकारी सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा। जिले के गांवों से लेकर नगर निकायों तक आमजन मूलभूत सुविधाओं की कमी और अधिकारियों की मनमानी से परेशान हैं।

अधिकारी सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा

शिक्षा विभाग सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा
शिक्षा विभाग सुनने को तैयार नहीं, ग्रामीणों ने कुत्ते को माला पहनाकर ज्ञापन सौंपा

इसकी बानगी मंगलवार को नगर में देखने को मिली, जहां नाराज लोगों व जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार को एक श्वान (कुत्ते) को ज्ञापन सौंपा। नगर के लोगों ने चौक पर एकत्र होकर श्वान को प्रतीकात्मक रूप से ज्ञापन सौंपा। इसमें लिखा गया कि परिषद के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं।

श्वान (कुत्ते) को सौंपा ज्ञापन

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो रहा है और केवल कुछ आवेदन ही स्वीकृत किए गए हैं। स्वजनों के नाम पर मकान होने पर भी पात्रों को लाभ नहीं मिल रहा। ज्ञापन में नगर की सीसी रोड, अधोसंरचना विकास और आपदा प्रबंधन फंड से हो रहे निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं और वार्ड 10, 11 और 12 में जर्जर नालियों, खराब सड़कें और पानी की आपूर्ति को लेकर आरोप लगाया गया।

सात साल में ही जर्जर हो गया स्कूल भवन, हादसे का डर

बड़ावदा जिले की जावरा तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ललियाना के शासकीय स्कूल की हालत काफी दयनीय हो रही है। छत का प्लास्टर उखड़ चुका है और सरिये दिखने लगे हैं, वहीं दीवारें कमजोर हो गई। भवन खंडहर के रूप में तब्दील हो रहा है। इसके बावजूद यहां कक्षाएं संचालित की जा रही है। जर्जर भवन से बच्चों को हर समय खतरे का अंदेशा बना रहता है। जिम्मेदारों की अनदेखी से कभी भी अनहोनी हो सकती है।

कक्षा पहली से आठवीं तक संचालित हो रहे इस स्कूल में लगभग 135 छात्र पढ़ते हैं। स्कूल में 6 शिक्षक है। इनमें तीन स्थाई शिक्षक व तीन अतिथि शिक्षक है। 2008 में स्वीकृति मिलने के लगभग 5 साल बाद निर्माण कार्य चला। वर्ष 2013 में इस भवन का लोकार्पण कर स्कूल संचालित किया गया। भवन वर्ष 2020 में ही जर्जर हो गया। इसकी शिकायत ग्रामवासियों ने कलेक्टर, शिक्षा विभाग सहित सीएम हेल्पलाइन पर की, परंतु नतीजा शून्य रहा।

जानकारी यह भी है की तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा द्वारा वर्ष 2022 में इस भवन को डिस्मेंटल की कार्यवाही के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन आदेश के बाद भी स्थिति यथावत है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि भवन निर्माण से लेकर 30 वर्ष तक की अवधि में ही किसी भी भवन को डिस्मेंटल का आदेश किया जाता है, लेकिन भवन को अभी निर्माण हुए 30 वर्ष बीते ही नहीं है। इसके पूर्व ही भवन जर्जर हो गया है। कई बार शिकायत कर चुके हैं। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। समय रहते अगर इसका निराकरण नहीं किया गया तो ग्रामवासी कलेक्टर आफिस जाकर आक्रोश प्रकट करेंगे। गोविंद डाबी, ललियाना ने कहा कि इस संबंध में कई शिकायत की गई। कोई भी नहीं सुन रहा है। अगर किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी हुई तो इसका जिम्मेदार शिक्षा विभाग रहेगा। रायसिंह चंद्रवंशी (जनपद सदस्य) के कहा वर्षाकाल का समय है। ऐसे में जर्जर भवन में स्कूल का संचालन करना गलत है। अगर किसी प्रकार की जनहानि हुई तो ग्रामवासी शिक्षा विभाग का घेराव करेंगे।

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