
OBC Reservation in MP पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले पर बड़ा अपडेट है. सुप्रीम कोर्ट में 4 जुलाई शुक्रवार को मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वाेच्च न्यायालय ने एमपी के मुख्य सचिव से एफिडेफिट मांगा है. कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि एमपी में जो 13% पद होल्ड हैं, उन पर नियुक्तियों में क्या परेशानी है. कोर्ट नंबर 12 में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की बेंच में सुनवाई की.
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है. कोर्ट ने सवाल किया है कि जब मध्यप्रदेश में 13% पद होल्ड हैं, उन पर नियुक्तियों में क्या दिक्कत है? अब देश की सर्वोच्च अदालत को भी सरकार से यह पूछना पड़ रहा है कि ओबीसी समाज को उनका संवैधानिक हक देने में आखिर दिक्कत क्या है? यह स्थिति साफ दिखाती है कि भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि लगातार टालमटोल और बहानेबाज़ी कर रही है. हर बार पुराने आदेशों का हवाला देकर आरक्षण देने से बच रही है लेकिन ओबीसी समाज को उसका अधिकार देने में नाकाम रही है.”
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2019 में ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए एक्ट पास किया गया था, लेकिन अमल में नहीं आ पाया. वहीं इस पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी हमलावर है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि “आज सुप्रीम कोर्ट में यह पुनः साबित हो गया कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य के OBC वर्ग को उसका हक नहीं देना चाहती.”