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Nisha Bangre निशा बांगरे का 6 माह में राजनीति से मोह भंग, आरोप लगाते दिया कांग्रेस से इस्तीफा

Nisha Bangre निशा बांगरे का 6 माह में राजनीति से मोह भंग, आरोप लगाते दिया कांग्रेस से इस्तीफा

Nisha Bangre 6 माह में ही पूर्व अधिकारी निशा बांगरे का राजनीति से मोह भंग हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से अपनी नौकरी वापस  मांगी थी. जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे अब राजनीति से अलविदा कह सकती हैं, यही कारण है कि आज निशा बांगरे ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे राजनीति छोड़ रही हैं या फिर किसी अन्य दल में शामिल होने जा रही है.

मुताबिक निशा बांगरे ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को दो पेज का पत्र लिखकर कांग्रेस के दायित्व से मुक्त होने की बात कही है.

आपको बता दें निशा बांगरे को कांग्रेस ने कुछ ही दिनों पहले मुख्य प्रवक्ता बनाया था. 6 माह के अंदर ही उनका राजनीति से मोह भंग हो गया है. उन्होंने कांग्रेस पर वायदा खिलाफी के आरोप भी लगाए हैं. उनका कहना है कि उनको विधानसभा चुनाव में टिकट का आश्वासन दिया गया था. इसके बाद उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि तीन माह पहले निशा बांगरे नौकरी वापस के लिए आवेदन लगा चुकी हैं इसके लिए वह प्रयास भी करेंगे.

कांग्रेस पर लगाए कई गंभीर आरोप

निशा ने अपने इस्तीफे मे लिखा “कांग्रेस में नारी सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है” इसका ताजा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीटों में कांग्रेस पार्टी के अंदर मध्यप्रदेश में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न मिलना भी है. उन्होंने लिखा कि मैं कांग्रेस की राजनीति में व्यापक स्तर पर कार्य करना चाहती थी, लेकिन इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने मेरी योग्यता को ही अयोग्यता बना दिया, अतः मैं कांग्रेस पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं, और मैं अपना पूरा जीवन बाबा साहब के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित करती रहूंगी.

कांग्रेस ने की वादा खिलाफी- बांगरे

निशा ने लिखा कि विधानसभा चुनाव के समय 229 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए और एक सीट आमला मेरे लिए होल्ड पर रखने का केवल दिखावा कर समाज का वोट बटोरना चाहा एवं खुद षडयंत्र कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका गया. पुनः मुझे लोकसभा में टिकट देने का भरोसा दिया गया, लेकिन इसमें भी वादाखिलाफी की गई.

कमलनाथ के कहने पर छोड़ी थी नौकरी

 

निशा बांगरे ने कमलनाथ के कहने पर ही नौकरी छोड़ी थी और उम्मीद थी कि कांग्रेस उनको अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारेगी लेकिन कांग्रेस पार्टी के अंदर निशा बांगरे को लेकर खासा विरोध हो गया था, जिसके कारण उनका टिकट ऐन मौके पर कट गया था. अब न नौकरी रही और न ही विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका निशा बांगरे को मिला. ऐसे में अब वे राजनीति से दूरी बनाकर फिर से शासकीय सेवा में जाने की कोशिश कर रही हैं.

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