
नंदनी मठ को मिल सकती है महादेवी वापस, फडणवीस ने वंतारा से की बात। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को 36 वर्षीय महादेवी हथिनी की वापसी को लेकर गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा परियोजना के अधिकारियों से चर्चा की. सीएम ने कहा कि चर्चा के दौरान उन लोगों का कहना था कि वे केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं. महादेवी हथिनी को अपने कब्जे में लेने का उनका कोई इरादा नहीं है. यह परियोजना रिलायंस फाउंडेशन द्वारा संचालित पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र है।
बता दें कि महादेवी, जिन्हें माधुरी के नाम से भी जाना जाता है, पिछले तीस साल से भी अधिक समय से कोल्हापुर के नंदनी मठ में रह रही है. पिछले महीने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि महादेवी को बेहतर देखभाल और पुनर्वास के लिए जामनगर में राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट में भेजा जाएगा. इस ट्रस्ट का प्रबंधन वंतारा द्वारा किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कर रहा है पालन
इस मामले को लेकर वंतारा के एक अधिकारी ने सीएम फडणवीस से कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया में महाराष्ट्र सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे. अधिकारी ने कहा कि गठिया पीड़ित हथिनी महादेवी को अपने कब्जे में रखने का उनका कोई इरादा नहीं है. वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने के लिए उसकी देखभाल कर रहे हैं.
सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी
फडणवीस ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि कि मुंबई में वंतारा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मेरी विस्तृत चर्चा हुई. अधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया है कि वंतारा ने उस याचिका में भाग लेने का फैसला किया है जिसे महाराष्ट्र सरकार ने हथिनी महादेवी (माधुरी) को नंदनी मठ में सुरक्षित वापसी की मांग करते हुए दायर करने का संकल्प लिया है. सीएम ने कहा कि चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि वे केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं और महादेवी हथिनी को अपने कब्जे में लेने का उनका कोई इरादा नहीं है.
सीएम ने वापस लाने का दिया था आश्वासन
लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद सीएम फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि वह महादेवी को कोल्हापुर के जैन मंदिर में वापस लाने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी. सीएम ने मंगलवार को कहा था कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार महादेवी हथिनी को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि पहले जैन तीर्थस्थल सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका प्रस्तुत करेगा और राज्य सरकार हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत करके उनकी सहायता करेगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि राज्य वन विभाग हाथी की देखभाल के लिए कोल्हापुर मंदिर में वंतारा जैसी सुविधाओं वाला एक केंद्र स्थापित कर सकता है. इसके अलावा सीएम ने बताया कि वंतारा ने भी वन विभाग द्वारा चयनित भूमि पर कोल्हापुर जिले में नंदनी मठ के पास महादेवी के लिए पुनर्वास केंद्र स्थापित करने में राज्य सरकार को पूरी सहायता देने की इच्छा व्यक्त की है।
प्रेस रिलीज के जरिए खेद प्रकट किया
वंतारा ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लेकर हम महादेवी की देखभाल कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर हमारी भागीदारी जैन समुदाय या कोल्हापुर के लोगों को कोई कष्ट पहुंचाती है, तो इसको लेकर हम दिल से माफी मांगते हैं. उन्होंने प्रेस रिलीज में लिखा कि यदि विचार, वचन या कर्म से जाने या अनजाने में किसी को भी कोई ठेस पहुंची हो, तो हम आपसे क्षमा चाहते हैं।नंदनी मठ को मिल सकती है महादेवी वापस, फडणवीस ने वंतारा से की बात