मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य में अपराध पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरणों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। गृह विभाग ने राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को पिछले एक साल के अपराध डेटा को इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। इस डेटा का विश्लेषण करने के लिए AI उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिससे अपराध हॉटस्पॉट की पहचान करने में मदद मिलेगी।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पास उपलब्ध पूरे अपराध डेटा का उपयोग AI द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस विश्लेषण से अपराध के पैटर्न को समझने में मदद मिलेगी और पहचाने गए हॉटस्पॉट में संसाधनों को अनुकूलित किया जा सकेगा।
AI विश्लेषण के बाद उत्पन्न आउटपुट जिला अधिकारियों को भेजा जाएगा, जिससे वे अपने जिलों में पहचाने गए हॉटस्पॉट के आधार पर निवारक उपाय कर सकें। ये उपाय गश्त बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और विशिष्ट समय या अवधि में गश्त बढ़ाने जैसे हो सकते हैं।
इस विश्लेषण के प्रभाव और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए संसाधनों के अनुकूलन में इसके उपयोग का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। जिलों में अपराध के हॉटस्पॉट आमतौर पर तैयार किए जाते हैं, लेकिन यह विश्लेषण अधिक सटीक और विशिष्ट होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश पुलिस का यह कदम अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जानकारों ने कहा कि उदाहरण के लिए एक जगह है जहां कई चेन स्नैचिंग की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लेकिन जब डेटा का विश्लेषण AI टूल्स का उपयोग करके किया जाता है, तो यह भी तथ्य हो सकता है कि अधिकतम घटनाएं वर्ष के विशेष महीनों या दिन के विशेष घंटों में दर्ज की गई थीं। इसका मतलब है कि ये हॉटस्पॉट पिछले पैटर्न के अनुसार समय-विशिष्ट भी हो सकते हैं। इसका अध्ययन करके एक बेहतर रणनीति बनाई जा सकती