MP Budget Session Live: सड़कों के गड्ढे भरने आएगा मोबाइल एप, ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाने पर हंगामा, कांग्रेस के वॉकआउट के बीच बिल पारित
MP Budget Session Live: सड़कों के गड्ढे भरने आएगा मोबाइल एप, ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाने पर हंगामा, कांग्रेस के वॉकआउट के बीच बिल पारित
MP Budget Session Live: सड़कों के गड्ढे भरने आएगा मोबाइल एप, ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाने पर हंगामा, कांग्रेस के वॉकआउट के बीच बिल पारित हुआ। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को अंतरिम बजट यानी लेखानुदान विधानसभा में पेश किया था। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग पर अब 28% जीएसटी लगाने का विधेयक पारित हो गया है।
वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने के विधेयक को पेश किया। इसका कांग्रेस विधायकों रामनिवास रावत, अभिजीत शाह, अभय मिश्रा ने विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार जुआ-सट्टा को वैधता देने जा रही है। अन्य विधायकों ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को लीगलाइज करने से लोग और अधिक ऑनलाइन गेम खेलेंगे। यह अच्छा नहीं है। इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग की लत न लगे, इसके लिए ही जीएसटी लगाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया और नारेबाजी की। इस बीच सदन में विधेयक पारित हो गया।
विधेयक पारित होने के बाद अब ऑनलाइन गेमिंग भी जीएसटी के दायरे में आ गया है। सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी वसूल करेगी। अब तक ऑऩलाइन गेम खेलने वाले व्यक्ति को मिलने वाले कमीशन पर ही जीएसटी वसूला जाता था। अब गेमिंग से होने वाली आय भी टैक्स के दायरे में होगी। सरकार इस संबंध में 27 जनवरी को अध्यादेश लागू कर चुकी है। विधेयक पारित होने के बाद अब यह कानून बन गया है। इस बीच विधानसभा में विनियोग विधेयक 2024 सदन में पास हो गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी गई है।
शासकीय विधेयक पेश किए गए
कुछ ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा के बाद शासकीय विधेयक लाने की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उन 42 विधायकों के नाम लिए जिन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाए थे। इसके बाद इनके प्रस्तावों को पढ़ा लिया माना गया। मंत्री गौतम टेटवाल प्रांतीय लघुवाद न्यायालय निरसन विधेयक 2024, इंदर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2024, राजेंद्र शुक्ल ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पेश किए।
हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विधानसभा में कहा कि हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। इसके लिए पीपीपी मॉडल की संभावनाओं को टटोला जा राह है। संशोधन विधेयक के माध्यम से इसके प्रावधान किए जा सकेंगे। चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को मर्ज किया जा रहा है। संशोधन विधेयक से इसकी राह खुलेगी। इस पर रामनिवास रावत ने पूछा कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता कौन प्रदान करेगा? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा। उससे ही सभी तरह की मान्यता दी जाएगी।
बाणगंगा नहर योजना का लाभ किसानों को नहीं
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने कहा कि चित्रकूट क्षेत्र में बाणगंगा नहर योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। ध्यानाकर्षण में आए इस मुद्दे पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इस संबंध में 72 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। विधायक ने टोका और बताया कि काम तो 15 प्रतिशत ही हुआ है। इस पर मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी से कामों की जांच कराएंगे। 2025 तक शेष काम भी पूरा हो जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग
विधायक अभय कुमार मिश्रा ने पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग की। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मिश्रा ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को मिलने वाली राशि पर्याप्त नहीं है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी उनकी मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए। इस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि बीते समय में वेतन तीन गुना बढ़ाया जा चुका है। इस समय इस मद के लिए कोई प्रस्ताव सरकार के पास लंबित नहीं है।
किसान आंदोलन पर सरकार को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की 70% अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है। किसान ही आर्थिक गतिविधि बनाते हैं। किसानों के जेब मे पैसा हो तो गांव के किराने की दुकान चलती है। एमएसपी सबसे बड़ी चीज है। हर किसान को गारंटी होनी चाहिए।
टोल रोड से अवैध वसूली का सवाल
जौरा से विधायक पंकज उपाध्याय ने टोल रोड पर अवैध वसूली पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि लागत से तीन से चार गुना टोल वसूल किया जा चुका है। उन्होंने पूछा कि सरकार जनता की है या ठेकेदार की? इस पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि टोल 15 साल के लिए होता है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनती है। अलग अलग एमओयू होते हैं। इसमें सड़क का मेंटेनेस भी शामिल होता है। राशि पर लगने वाला ब्याज भी इसमें शामिल होता है।
मिनी स्मार्ट सिटी पर मांगे सुझाव
सीधी से विधायक रीति पाठक ने मिनी स्मार्ट सिटी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सीधी जिले को स्मार्ट सिटी बनाने पर कितना पैसा खर्च हुआ। स्मार्ट सिटी में कितनी राशि खर्च हुई? स्मार्ट सिटी में विकास के लिए राशि बढ़ाने की मांग भी की गई। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पाठक से ही सुझाव मांग लिया। उन्होंने कहा कि सीधी स्मार्ट सिटी में ओर क्या विकास होना चाहिए, इस पर सुझाव दें। विजयवर्गीय ने आश्वासन दिया कि सीधी के लिए जो भी राशि आवश्यक होगी, उसका अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में सड़कों के गड्ढे भरने आएगा मोबाइल एप
कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने सड़क की बदहाल स्थिति का मुद्दा उठाया। इस पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने सदन को बताया कि जल्द ही मोबाइल एप की मदद से गड्ढे भरे जाएंगे। आम लोग गड्ढों के फोटो मोबाइल से खींचकर एप में भेजेंगे। यह तस्वीर संबंधित जिले के अधिकारियों के पास पहुंच जाएगी। तय समय सीमा में इन सड़कों की मरम्मत करनी होगी। उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। मरम्मत के बाद अफसर को ही फोटो भी अपलोड करनी होगी कि काम पूरा हो गया है।
बीना के रिंगरोड, बालाघाट में पेयजल का मुद्दा उठा
बीना विधायक निर्मला सप्रे ने वहां बन रहे रिंगरोड का मुद्दा प्रश्नकाल में उठाया। इसके बाद बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने पूछा कि उनके क्षेत्र में जल आवर्धऩ योजना का काम अटका पड़ा है। 2018 में यह काम पूरा हो जाना था, लेकिन अब भी यह अधूरा है। जनता को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो काम अब तक हुआ है, उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। घटिया निर्माण कार्य हुए हैं।
पीएम आवास योजना के अपात्र हितग्राहियों का मुद्दा
भाजपा विधायक ललिता यादव ने छतरपुर नगर पालिका में अपात्र लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 21 हितग्राही अपात्र पाए गए हैं। उनसे वसूली की कार्रवाई की गई है। ललिता यादव ने इस पर कहा कि 90 लोगों की जानकारी नहीं दी गई है। इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि जांच करने भोपाल से टीम भेजी जाएगी। इसी तरह विधायक रामसिया भारती ने दुरूस्त सड़कों को बार-बार बनाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बड़ा मलहरा में सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। सड़क निर्माण की जांच होनी चाहिए। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि अच्छी सड़कों को बार-बार बनवाया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
कांग्रेस विधायकों ने किया प्रदर्शन
किसान आंदोलन में जा रहे किसान नेताओं की गिरफ्तारी के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने बैठकर अपनी आवाज बुलंद की। इस दौरान विधायक महेश परमार, सुरेश राजे, अनुभा मुंजारे, सेना पटेल ने विरोध किया। वहीं, पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को ने स्कूल में किताबें न बांटे जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किताबें कबाड़ में फेंकी जा रही हैं। पहली से पांचवीं तक की किताबें फेंकी गई हैं। वह यह आरोप एप्रन में लिखकर लाए थे, जिसे उन्होंने पहन रखा था। इस एप्रन पर उन्होंने किताबों को कबाड़ में बेचने और कचरे में फेंकने की तस्वीरें लगा रखी थी। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें एप्रन पहनकर विधानसभा में जाने से रोका। विधायक ने एप्रन निकालकर विधानसभा में प्रवेश किया। अन्य विधायक तख्तियां लेकर विधानसभा में जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोका। इसे लेकर तीखी झड़प भी देखने को मिली।
सरकार विषय से भटका रही हैः सिंघार
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार युवा, महिला, किसानों के बारे में नहीं सोच रही है। इस वजह से कांग्रेस आंदोलन कर रही है और आज विधानसभा का घेराव रखा है। सरकार विषय से भटकना चाह रही है। सरकार जो पैसा खर्च कर रही है, विधायकों पर खर्च कर रही है, मुद्दों से भटकाना चाहती है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कभी भी किसानों के पक्ष में नहीं रही। किसान शहीद हुए हैं। क्या देश के किसानों को संपन्न नहीं होना चाहिए?सिंघार ने यह भी कहा कि लेखानुदान पर चर्चा होनी चाहिए। सारगर्भित चर्चा होनी चाहिए।
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र के पांचवें दिन मंगलवार को अंतरिम बजट 2024-25 पर चार घंटे चर्चा होनी है। आज की कार्यवाही हंगामेदार होने के आसार है। एक तरफ युवक कांग्रेस ने विभिन्न मुद्दों को आधार बनाकर विधानसभा का घेराव करने की योजना बनाई है, वहीं दिल्ली में किसानों के आंदोलन का असर भी विधानसभा में दिख सकता है। इस बीच कांग्रेस विधायकों ने कुछ मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी दिए हैं, जिन पर हंगामे की स्थिति बन सकती है।