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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रादुविवि को एल.एल.एम. परीक्षा परिणाम घोषित करने के दिए निर्देश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रादुविवि को एल.एल.एम. परीक्षा परिणाम घोषित करने के दिए निर्दे

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एल.एल.एम. तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा परिणामों में देरी को लेकर दायर याचिकाओं का अंतिम आदेश दे दिया है। यह आदेश उन छात्रों के पक्ष में आया है, जिन्हें विश्वविद्यालय द्वारा पहले और तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं के बीच उपजी विसंगतियों के कारण परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा, मामले में कटनी के छात्र यश खरे एवं अन्य के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने न्यायालय को बताया कि विश्वविद्यालय ने पहले सेमेस्टर के परिणामों में देरी की, जिससे छात्रों को तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में उपस्थित होने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया ।
हाई कोर्ट ने पहले ही छात्रों को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें तृतीय सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा और प्रथम सेमेस्टर की ATKT परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दी थी। इस आदेश से छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिला और वे विश्वविद्यालय की देरी से प्रभावित नहीं हुए।
इससे पूर्व, न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें एटीकेटी और मुख्य परीक्षा में बैठने की अस्थायी अनुमति प्रदान की थी। यह आदेश उन छात्रों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ, जिन्हें विश्वविद्यालय की प्रक्रियागत देरी के कारण असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा था।
अब, न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की खंडपीठ ने अंतिम निर्णय सुनाते हुए विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह बिना किसी देरी के दोनों परीक्षाओं के परिणाम घोषित करे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी परिस्थिति में छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा की जानी चाहिए।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता आर्यन उर्मलिया ने इसे छात्रों के लिए बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण छात्रों का भविष्य दांव पर लगा था, लेकिन हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें न्याय मिला है।

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